भोपाल
हम सबका का कर्त्तव्य है कि भावी पीढ़ी की सुरक्षा और उनको सुरक्षित वातावरण देने के लिये क्लीन एनर्जी – ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित करें। अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो बच्चों को स्कूल बैग की जगह ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चलना पड़ेगा। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह विचार भोपाल में आयोजित चौथे नेशनल सस्टेनेबल एनर्जी एनोवेशन कॉन्क्लेव में व्यक्त किये। मंत्री श्री तोमर ने कहा कि यह कॉन्क्लेव न केवल ऊर्जा क्षेत्र के नवाचारों को प्रोत्साहित करेगा बल्कि एक स्थायी और सुरक्षित भविष्य की दिशा में हमारे प्रयासों को नई गति देगा।
मंत्री श्री तोमर ने कहा कि यह कॉन्क्लेव ऊर्जा के समाधान पर विचार विमर्श के लिये एक अच्छा अवसर है। बढ़ती ऊर्जा मांग और जलवायु चुनौतियों के बीच ऐसे प्रयास सुरक्षित भविष्य के लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ऊर्जा सशक्तिकरण के लिये तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि कॉन्क्लेव में निकलने वाले निष्कर्षों का क्रियान्वयन हर स्तर पर होना चाहिए, तभी यह सार्थक होगा।
डिजिटल हो रहीं ऊर्जा प्रणालियों की साइबर सुरक्षा महत्वपूर्ण
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आज के डिजिटल युग में जैसे-जैसे ऊर्जा प्रणालियां डिजिटल हो रही हैं, वैसे-वैसे इनकी साइबर सुरक्षा भी जरूरी हो गयी है। कॉन्क्लेव में ऊर्जा क्षेत्र में साइबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विचार करना जरूरी है। ऊर्जा मंत्री ने इस दौरान लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने कहा कि नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश उत्तरोत्तर विकास कर रहा है। ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी पर स्थापित किये गये फ्लोटिंग सोलर प्लांट सहित रीवा और नीमच में वृहद स्तर के सोलर प्लांट बनाये गये हैं। पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं। अपर मुख्य सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव ने भी विचार व्यक्त किये।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री नीरज मंडलोई ने कहा कि यह कॉन्क्लेव एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने के लिये महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने कहा कि जो नवाचार जनहित के हैं, उन्हें स्वीकार करने और नई टेक्नोलॉजी से कैसे लाभ प्राप्त किया जाये, इस पर गहन विमर्श होना चाहिए।
नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर है भारत
केन्द्रीय अतिरिक्त सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री सुदीप जैन ने कहा कि भारत हमेशा सस्टेनेबिलिटी पर जोर देता है। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ग्लोबल लीडर है। श्री जैन ने कहा कि वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट नवकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन है कि हर घर की छत पर सोलर पैनल होना चाहिए। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिये “पीएम सूर्य घर” योजना शुरू की गई है। पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी हम अग्रणी हैं। लगभग 18 गीगावॉट इसका उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सोलर पॉवर के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये गये हैं। सबसे बड़े सोलर एवं सोलर फ्लोटिंग प्लांट मध्यप्रदेश में स्थापित किये गये हैं। एमडी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी श्री अविनाश लवानिया ने कॉन्क्लेव के उद्देश्यों की जानकारी दी।