विवेक झा, भोपाल, 3 जुलाई 2025।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence – AI) अब किसी दूर की कल्पना नहीं, बल्कि हमारी ज़िंदगी का यथार्थ बन चुकी है। वैश्विक शोध संस्था Global X ETFs की रिपोर्ट “Five Trends to Watch in 2025” बताती है कि AI सिर्फ तकनीकी क्रांति नहीं, बल्कि एक आर्थिक क्रांति है जो दुनिया भर के कारोबार, सरकारी नीतियों और आम आदमी की दिनचर्या को नई दिशा दे रही है।
इस रिपोर्ट में बताए गए पाँच प्रमुख रुझानों का असर भारत और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी तेजी से देखने को मिल रहा है। आइए इन ट्रेंड्स पर नज़र डालें क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य के साथ:
1. AI सेवाएं: राजस्व और रोजगार का नया जरिया
IBM, Meta और Accenture जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ AI‑आधारित सेवाओं से अरबों डॉलर का राजस्व कमा रही हैं, लेकिन अब भारत की कंपनियाँ भी पीछे नहीं हैं।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे शहरों में स्टार्टअप्स और BPOs तेजी से AI‑चालित ग्राहक सेवा, डेटा एनालिटिक्स और भाषाई अनुवाद सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा हाल ही में AI‑आधारित E-Governance प्रणाली अपनाने से भी स्थानीय आईटी कंपनियों को बड़ा काम मिला है। सरकारी योजनाओं में शामिल CM Dashboard 2.0 अब AI-सहायता से रिपोर्टिंग और विश्लेषण कर रहा है।
2. AI इन्फ्रास्ट्रक्चर: डेटा सेंटर और क्लाउड हब में बदलेगा मध्य भारत
जब दुनिया में NVIDIA और Elon Musk जैसे निवेशक AI‑सुपरकंप्यूटर बना रहे हैं, भारत भी पीछे नहीं है। हाल ही में इंदौर सुपरकॉम्प्यूटिंग फैसिलिटी को अपग्रेड किया गया है ताकि वह वैज्ञानिकों और छात्रों को AI रिसर्च में सहयोग दे सके।
रीवा और सतना में सौर ऊर्जा से चलने वाले डेटा सेंटर स्थापित करने की योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिससे आने वाले वर्षों में मध्य प्रदेश को AI क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर हब के रूप में विकसित किया जा सकता है।
3. अपने मॉडल, अपनी सुरक्षा: सरकारी और बैंकिंग संस्थानों की जरूरत
AI मॉडल्स का निजीकरण यानी Proprietary AI Models बनाना अब सुरक्षा और नियंत्रण के लिए जरूरी हो गया है। भारत सरकार भाषा आधारित LLMs पर कार्य कर रही है, जो हिंदी, बघेली, मालवी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को समझ सकें।
मध्य प्रदेश पुलिस विभाग भी साइबर अपराध रोकने के लिए स्थानीय रूप से ट्रेंड AI मॉड्यूल्स पर काम कर रहा है। इससे न केवल सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि युवाओं को AI‑संबंधित रोजगार भी मिलेंगे।
4. जेब में AI: स्मार्टफोन, पीसी और घरेलू उपकरणों में नई क्रांति
2025 तक AI‑सक्षम स्मार्टफोन और लैपटॉप अब आम होते जा रहे हैं। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में मोबाइल रिटेल बाजार में Apple और Samsung के नए AI फीचर युक्त फोन की माँग बढ़ी है।
AI‑सक्षम एप्स जैसे कृषि सलाह ऐप, डिजिटल हेल्थ असिस्टेंट और वॉयस‑बेस्ड भाषा अनुवादक ग्रामीण मध्य प्रदेश में तेजी से अपनाए जा रहे हैं। इससे डिजिटल डिवाइड कम हो रही है।
5. अधिग्रहण और निवेश: भारत के स्टार्टअप्स पर भी विदेशी कंपनियों की नजर
जब वैश्विक कंपनियाँ एक-दूसरे का अधिग्रहण कर AI पकड़ मजबूत कर रही हैं, तब भारत के उभरते स्टार्टअप्स पर भी विदेशी निवेशकों की नजर है।
AI आधारित हेल्थ-टेक स्टार्टअप ‘BionicsCare’, इंदौर, और एजु-टेक प्लेटफॉर्म ‘VidyaBot’ भोपाल को हाल ही में फंडिंग मिली है। ये स्टार्टअप प्रदेश के युवाओं को स्थानीय भाषा आधारित AI समाधान दे रहे हैं।
इसके अलावा, मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति 2024 में AI आधारित नवाचारों को प्राथमिकता दी गई है।
निष्कर्ष:
Global X ETFs की रिपोर्ट सिर्फ एक वैश्विक ट्रेंड लिस्ट नहीं, बल्कि एक चेतावनी भी है — जो तैयार है, वही आगे बढ़ेगा।
मध्य प्रदेश को इस AI क्रांति से पीछे नहीं रहना चाहिए। जरूरत है—
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विश्वविद्यालयों में AI रिसर्च लैब खोलने की,
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ITI और पॉलिटेक्निक संस्थानों में AI‑संबंधित स्किल कोर्सेस शुरू करने की,
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और स्थानीय भाषाओं में AI समाधानों के निर्माण को प्रोत्साहन देने की।
AI का भविष्य उज्ज्वल है — और अगर नीति, निवेश और नवाचार का समन्वय बना रहा, तो मध्य भारत AI का नया गढ़ बन सकता है।