विवेक झा, भोपाल। जहां एक ओर समाज में संवेदनाएं दिनों-दिन कम होती जा रही हैं, वहीं कुछ लोग आज भी ऐसे हैं जो मानवता की लौ को जलाए हुए हैं। ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन के ऑफिस सेक्रेटरी और केनरा बैंक के कर्मठ कर्मचारी वैभव गुप्ता ने।
घटना 7 जुलाई 2025 की है। जब पूरे देश में राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल की तैयारियां चल रही थीं, उसी सिलसिले में वैभव गुप्ता रात्रि करीब 7 बजे यूनियन ऑफिस की ओर जा रहे थे। तभी रास्ते में उन्हें एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल अवस्था में पड़ा मिला, जिसके सिर से खून बह रहा था। बारिश भी तेज हो रही थी, लेकिन वैभव ने ना तो हालात की परवाह की और ना ही इंतजार किया, उन्होंने तुरंत अपनी कार में घायल को बैठाया और सीधे जे.पी. अस्पताल, तुलसी नगर पहुंचाया।
समाज के लिए प्रेरणा बना साहसिक कदम
उनका यह कार्य न केवल मानवीय संवेदनाओं को जाग्रत करता है, बल्कि यह भी बताता है कि जब समाज का एक आम नागरिक ठान ले, तो वह किसी अनजान की जान भी बचा सकता है। भारी बारिश, घायल की गंभीर स्थिति और एकांत सड़क – इन सभी कठिनाइयों के बावजूद वैभव गुप्ता का यह कदम समाज के लिए मानवता, साहस और कर्तव्यनिष्ठा का आदर्श बन गया है।
बैंककर्मी नहीं, असली हीरो
वैभव गुप्ता को अब सिर्फ एक बैंक कर्मचारी के रूप में नहीं देखा जा रहा, बल्कि वे एक “रियल लाइफ हीरो” बनकर सामने आए हैं। उनका यह साहसिक और संवेदनशील निर्णय यह दिखाता है कि यदि दिल में इंसानियत हो, तो कोई भी परिस्थिति बड़ी नहीं होती।
यूनियन में भी सराहना की लहर
उनकी इस पहल की सराहना मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन सहित कई सामाजिक संगठनों द्वारा की जा रही है। यूनियन के अन्य सदस्यों ने कहा कि वैभव का यह कृत्य हम सभी के लिए प्रेरणा है, और यह समाज को यह संदेश देता है कि “मानवता अभी भी जीवित है।”
आज के समय में जब सामाजिक मूल्य और मानवीयता कहीं खोती नजर आती है, वैभव गुप्ता जैसे लोग उस उम्मीद की किरण हैं जो हमें भरोसा दिलाते हैं कि इंसानियत अब भी जिंदा है। ऐसे कर्मठ और संवेदनशील व्यक्तित्व को सलाम!