उज्जैन में श्रावण के महीने में सोमवार की बजाय रविवार को स्कूल लगेंगे, MLA आरिफ मसूद ने जताई आपत्ति

उज्जैन-में-श्रावण-के-महीने-में-सोमवार-की-बजाय-रविवार-को-स्कूल-लगेंगे,-mla-आरिफ-मसूद-ने-जताई-आपत्ति

उज्जैन 

उज्जैन में सावन के महीने में सोमवार को स्कूलों की छुट्टी करने और रविवार को स्कूल लगाने के कलेक्टर के आदेश की कांग्रेस ने आलोचना की है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने इसे ‘मुख्यमंत्री को खुश करने’ के लिए उठाया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा कि सावन के महीने में महाकाल की सवारी निकलने की परंपरा दशकों पुरानी है और हर समाज-धर्म के लोग इसका स्वागत करते हैं। ऐसे में अचानक स्कूलों का टाइम टेबल बदलने के पीछे कलेक्टर की मंशा सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री को खुश करने की है।

बता दें कि उज्जैन में श्रावण मास के दौरान भगवान महाकाल की सवारी को देखते हुए स्कूलों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। कलेक्टर रौशन सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार 14 जुलाई से 11 अगस्त तक कक्षा पहली से 12वीं तक के सभी निजी और सरकारी स्कूल रविवार को संचालित होंगे और इसकी बजाय सोमवार को अवकाश रहेगा। उन्होंने कहा कि ये निर्णय महाकाल की सवारी के दौरान होने वाली भीड़ और कई मार्गों के बंद होने के मद्देनजर लिया गया है।

उज्जैन में महाकाल की सवारी के दौरान सोमवार को स्कूलों की छुट्टी

उज्जैन में सावन के महीने में काफी गहमागहमी रहती है। हर सोमवार को यहां महाकाल की सवारी निकलती है। इसी के साथ देश दुनिया से श्रद्धालु यहां महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं। अब स्थानीय प्रशासन ने ये निर्णय लिया है कि इस बार सावन महीने में हर सोमवार को स्कूलों की छुट्टी रहेगी और उसकी जगह रविवार को स्कूल संचालित होंगे।

11 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावण मास में इस बार महाकाल मंदिर से कुल छह सवारिया निकलेंगी। पहली सवारी 14 जुलाई को होगी, इसके बाद दूसरी सवारी 21 जुलाई, तीसरी सवारी 28 जुलाई, चौथी सवारी 4 अगस्त और पांचवी सवारी 11 अगस्त को भादौ मास में निकाली जाएगी। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार इन पांच सोमवार को स्कूल बंद रहेंगे और रविवार को स्कूल खुलेंगे। 18 अगस्त को निकलने वाली राजसी सवारी के दिन स्थानीय अवकाश रहेगा..इसलिए उससे पहले रविवार को स्कूल नहीं लगेंगे। कलेक्टर के अनुसार यह निर्णय भगवान महाकाल की सवारी के दौरान सुचारू व्यवस्था और भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया गया है।

आरिफ मसूद ने कहा ‘मुख्यमंत्री को खुश करने की कोशिश’

कांग्रेस ने इस निर्णय पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा है कि महाकाल की सवारी लंबे समय से निकलती आ रही है और इससे पहले कभी भी इस तरह की ज़रूरत महसूस नहीं हुई है। उन्होंने एएनआई के साथ बात करते हुए कहा कि ‘उज्जैन में महाकाल की सवारी बरसों से निकल रही है। परंपरागत रूप से लोग उसका स्वागत करते हैं..प्रत्येक वर्ग के लोग करते हैं। हर समाज हर धर्म का व्यक्ति उसका स्वागत करता है। अफसोस की बात है कि कलेक्टर ऐसा बेतुका आदेश निकालकर सिर्फ मुख्यमंत्री को खुश करना चाहते हैं, इसके अलावा कुछ भी नहीं है। ये परंपरागत जुलूस है और निकलता रहा है तो क्या आवश्यकता है कि एक दिन छुट्टी देकर एक दिन कैंसिल करो। संडे को स्कूल लगाओ। कल को दूसरे धर्म के लोग भी आवाज़ उठाएंगे फिर क्या करेंगे। संविधान से देश चलेगा। एक देश एक संविधान की बात करने वालों को सोचना चाहिए। ये जुलूस बरसों से निकल रहा है..आज से तो शुरु नहीं हुआ। क्या कलेक्टर महोदय बहुत विद्वान हैं ? इनसे पुराने कलेक्टर, पुरानी परंपराएं और संविधान क्या कोई नहीं जानता था ? ये ही जानते हैं बस ? ये आदेश सवारी के लिए या बच्चों की पढ़ाई के लिए नहीं बल्कि मुख्यमंत्री को खुश करने का आदेश है।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *