मौसम विभाग का अलर्ट: ग्वालियर-चंबल संभाग के इन जिलों में भारी बारिश की संभावना

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 भोपाल
 मध्यप्रदेश में इस समय मानसून की सक्रियता कम हो गई है। फिलहाल प्रदेश में कोई प्रभावी मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है, जिससे ज्यादातर जिलों में तेज बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि, लोकल वेदर सिस्टम के कारण कुछ इलाकों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग में अगले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश की संभावना जताई जा रही है। मध्यप्रदेश में इस मानसूनी सीजन में 28.6 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक सामान्य से 47 प्रतिशत पानी ज्यादा गिर चुका है। यह कोटे का 77% है। पूर्वी हिस्से में बादल जमकर बरसे हैं। हालांकि, अगले 4 दिन तक प्रदेश में बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव नहीं है।

मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि ग्वालियर, दतिया, भिंड और मुरैना जिलों में अगले 24 घंटे में भारी बारिश (Heavy Rainfall Alert) हो सकती है। वहीं रीवा और सतना में सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात को तेज वर्षा के आसार हैं।

अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर जैसे शहरों में आंशिक बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की फुहारें पड़ सकती हैं।

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस समय देश के उत्तरी हिस्सों में मानसून की प्रमुख प्रणाली सक्रिय है, जिससे मध्यप्रदेश में इसका असर सीमित हो गया है। इस कारण प्रदेश के कई जिलों में बारिश की तीव्रता कम है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगस्त के दूसरे सप्ताह में तेज बारिश का दौर शुरू होगा, जो आखिरी तक चलेगा। ऐसे में बारिश का कोटा अगस्त में ही पूरा हो जाएगा। हालांकि, अब तक ग्वालियर समेत 9 जिलों में कोटा पूरा हो चुका है लेकिन इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों की तस्वीर बेहतर नहीं है।

मंगलवार को ग्वालियर, मुरैना और भिंड में भारी बारिश का यलो अलर्ट है। वहीं, भोपाल में सुबह से धूप खिली है।

सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में औसत से 51% और पश्चिमी हिस्से यानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में 43% बारिश अधिक हुई है।

सोमवार को दिनभर के दौरान प्रदेश के कुछ शहरों में हल्की बारिश रिकॉर्ड की गई। दतिया में 14 मिमी, खजुराहो में 5 मिमी, नौगांव में 3 मिमी, इंदौर में 1 मिमी, उज्जैन में 0.4 मिमी, रीवा और सतना में 1-1 मिमी और सिवनी में 0.1 मिमी बारिश दर्ज की गई।

कम बारिश के कारण दिन और रात के तापमान में भी हल्की वृद्धि देखी जा रही है। प्रदेश के प्रमुख शहरों में तापमान कुछ इस प्रकार रहा-

    भोपाल: अधिकतम 31.0°C, न्यूनतम 24.2°C
    इंदौर: अधिकतम 30.2°C, न्यूनतम 21.7°C
    ग्वालियर: अधिकतम 31.2°C, न्यूनतम 26.4°C
    जबलपुर: अधिकतम 32.8°C, न्यूनतम 24.4°C

अगले 24 घंटे विशेष रूप से ग्वालियर, दतिया, भिंड और मुरैना के लिए अहम माने जा रहे हैं। इन जिलों के नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। जिन इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट है, वहां प्रशासन ने भी निगरानी बढ़ा दी है।

एमपी में बाढ़ से 2 माह में 275 मौतें पूरे मध्यप्रदेश की बात करें तो बाढ़ के दौरान हुए हादसों में 275 लोगों की जान जा चुकी है। मानसून की आमद के बाद से जून और जुलाई के ये आंकड़े सरकार ने खुद विधानसभा में बताए हैं। 1657 पशुओं की भी मौत हुई है।

बारिश के चलते ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण (RRDA) की 254 से अधिक सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। 293 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए जबकि 3 हजार 687 मकानों में आंशिक नुकसान हुआ है। कुल 3980 मकानों को नुकसान पहुंचा है।

पिछले सप्ताह बने थे बाढ़ के हालात पिछले सप्ताह प्रदेश में बाढ़ के हालात बने थे। खासकर पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग में मानसून जमकर मेहरबान रहा। रायसेन में बेतवा नदी ने विकराल रूप ले लिया था। खेत-मंदिर और पुल डूब गए थे। वहीं, डैम ओवरफ्लो हो गए थे।

उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के उफान पर आने से चित्रकूट में कई दुकानों में पानी भर गया था।

गुना में सबसे ज्यादा 45 इंच पानी गिरा इस बार सबसे ज्यादा पानी गुना में गिरा है। यहां 45.8 इंच बारिश हो चुकी है। निवाड़ी में 45.1 इंच, मंडला-टीकमगढ़ में 44 इंच और अशोकनगर में 42 इंच के करीब बारिश हो चुकी है।

 

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