खंडवा
मूंदी थाने की बीड़ चौकी क्षेत्र के अंतर्गत सिंगाजी थर्मल प्लांट के फेस 1 राखड़ बांध पर बुधवार रात वीभत्स हादसा हो गया, जहां डंपर पर काम करने वाला एक हेल्पर लखन उर्फ भूपेंद्र पुत्र राधेश्याम रात के अंधेरे में पोकलेन की चपेट में आ गया। इससे उसका हाथ और गर्दन धड़ से अलग हो गया। सिर कटी लाश देख प्लांट में अफरा-तफरा मच गई। हेल्पर के हाथ और गर्दन को ढूंढने के लिए डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया, जिसके बाद एक डंपर को खाली करने पर हेल्पर का हाथ और गर्दन मिली।
वीभत्स हादसे के बाद क्षेत्र में आक्रोश का माहौल हो गया। स्वजन और ग्रामीणों गुरुवार सुबह आठ बजे पावर प्लांट के गेट पर पहुंचे और यहां मुआवजे की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया। दोपहर दो बजे तक छह घंटे चले प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की और प्लांट की अवयस्थाओं पर सवाल उठाए। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने भी अपनी मांगें रखीं। दोपहर करीब दो बजे स्वजन और कंपनी के बीच आपसी समझौता हुआ, जिसमें पीड़ित परिवार को दो लाख रुपये नगद सहित कुल 22 लाख रुपये देने की बात कही गई। मूंदी तहसीलदार वंदना चौहान के सामने इस बात की लिखा-पढ़ी की गई, जिसके बाद धरना समाप्त हुआ। वहीं घटना के बाद से डंपर और पोकलेन का चालक दोनों फरार है।
ये था पूरा मामला
पोकलेन के पंजे का प्रहार ऐसा था कि इसकी चपेट में आए हेल्पर का एक हाथ और गर्दन धड़ से अलग हो गया। घटना के बाद सर एवं हाथ सहित कटी हुआ शव पुलिस की टीम ने बरामद किया। मूंदी पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर की। सिर की तलाश कर शव को मूंदी अस्पताल लाया गया। बाद में वहां से पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। वीभत्स हादसे और थर्मल पावर प्लांट में अव्यवस्थाओं पर आक्रोश जता कर गोराड़िया सहित आसपास के ग्रामीण एकत्र होकर प्रदर्शन किया।
जनप्रतिनिधियों ने की मांगें
प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ पूर्व विधायक राजनारायण सिंह, जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र चौहान, उत्तम पाल सिंह पूरनी, गोराड़िया सरपंच मुकेश सांवनेर, ग्राम जलकुंआ के सरपंच जगपाल सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।प्लांट की अव्यवस्थाओं पर जनप्रतिनिधियों ने कहा कि प्लांट में मशीनों पर काम करने वालों से 12-12 घंटे ही काम करवाया जाए। ओवरलोडिंग वाहन बंद किए जाए। इस संबंध में मुख्य अभियंता एसके मालवीय ने निर्देश दिए हैं कि ओवरलोड वाहन न भरे जाए।वहीं जनप्रतिनिधियों ने कहा कि राखड़ बांध के यहां अंधेरा रहता है, यहां हाईमास्ट भी लगवाएं जाए।
ओवरलोडिंग नहीं होगी
घटना के बाद हमने आदेश निकाल दिया है कि वाहनों में ओवरलोडिंग नहीं की जाएगी, तय मात्रा में ही वाहन भरे जाएंगे- शशीकांत मालवीय, मुख्य अभियंता, सिंगाजी थर्मल पावर।