मुंबई
आईपीएल ट्रेड मार्केट में सबसे ज्यादा चर्चा इन दिनों राजस्थान रॉयल्स (RR) और उनके कप्तान संजू सैमसन को लेकर हो रही है. क्या सैमसन टीम में बने रहेंगे? क्या फ्रेंचाइजी उन्हें किसी और खिलाड़ी से ट्रेड करेगी या उन्हें नीलामी के लिए रिलीज कर देगी? जवाब इतना सीधा नहीं है क्योंकि मामला जटिल है. यहां नियम हैं, व्यक्तिगत नजरिए हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि कोई खिलाड़ी अगर खुद ही टीम में नहीं रहना चाहता तो क्या फ्रेंचाइजी उसे रोक सकती है?
तथ्य हैं और फिर जटिलताएं भी
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, संजू सैमसन और राजस्थान रॉयल्स के मैनेजमेंट के बीच गंभीर मतभेद हो चुके हैं. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सैमसन ने फ्रेंचाइजी से खुद को ट्रेड करने या नीलामी में छोड़ने की औपचारिक मांग कर दी है.
सैमसन के परिवार के सदस्य भी यह खुलेआम कह चुके हैं कि वह अब इस फ्रेंचाइजी के साथ नहीं रहना चाहते. उनके करीबी कुछ आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि टीम के साथ उनके संबंध पहले जैसे नहीं रहे.
… लेकिन नियम क्या कहते हैं?
आईपीएल में एक बार कोई खिलाड़ी किसी टीम से रिटेन या नीलामी के जरिए जुड़ता है तो वह उस टीम से तीन साल के लिए अनुबंधित होता है. ऐसे में यह फैसला खिलाड़ी नहीं, बल्कि फ्रेंचाइजी ही करती है कि उसे रिलीज करना है या नहीं. कानूनी रूप से सैमसन अभी भी 2027 सीजन तक राजस्थान रॉयल्स के साथ बंधे हैं.
फ्रेंचाइजी के लिए चुनौती
यह स्थिति राजस्थान के लिए असमंजसपूर्ण है. क्या किसी ऐसे खिलाड़ी को बनाए रखा जाए जो खुद ही टीम में नहीं रहना चाहता? खासकर तब जब टीम एक खुशहाल ड्रेसिंग रूम का सपना देखती हो.
वहीं, इतना बड़ा खिलाड़ी यूं ही छोड़ना भी मुश्किल है. संजू को किशोरावस्था से संवारने वाली राजस्थान रॉयल्स मैनेजमेंट इस समय लगभग हर टीम से संपर्क कर चुकी है. यह जानने के लिए कि क्या कोई फ्रेंचाइजी ट्रेड में दिलचस्पी रखती है. शुरुआती बातचीत कुछ टीमों से हुई भी है, यहां तक कि उन टीमों से भी जिनके पास पहले से ही विकेटकीपर-बल्लेबाज हैं.
बल्लेबाजी क्रम बना कारण?
बतौर कप्तान संजू को अपनी बल्लेबाजी स्थिति तय करने की आजादी की अपेक्षा थी. टीम इंडिया की टी20 स्कीम में वह ओपनिंग करते हैं, लेकिन पिछले सीजन में यशस्वी जायसवाल और वैभव सूर्यवंशी की युवा ओपनिंग जोड़ी ने ऐसा जलवा दिखाया कि सैमसन की पुरानी भूमिका खतरे में पड़ गई. माना जा रहा है कि यह भी मतभेद का एक बड़ा कारण रहा.
राजस्थान से सैमसन का पुराना नाता
संजू 2015 में कोलकाता नाइट राइडर्स से रिलीज होकर राजस्थान से जुड़े थे और तब से इस फ्रेंचाइज़ी का चेहरा बन चुके हैं. सिर्फ 2016 और 2017 में टीम के निलंबन के दौरान वह बाहर रहे. एक वक्त था जब उनकी प्रतिभा से खुद सचिन तेंदुलकर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने एक मैच के बाद निजी तौर पर उनसे मिलने की इच्छा जताई. उस मुलाकात में सचिन ने उनकी बल्लेबाजी की जमकर सराहना की थी.
अब आगे क्या? सीएसके ने दिखाई दिलचस्पी, लेकिन…
चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने संजू को लेकर दिलचस्पी जरूर दिखाई है, लेकिन उनकी नीति किसी भी खिलाड़ी को रिलीज करने की नहीं है. ऐसे में डायरेक्ट ट्रेड का रास्ता बंद हो जाता है.
धोनी और ऋतुराज गायकवाड़ इन दिनों चेन्नई में हैं और टीम के हाई परफॉर्मेंस सेंटर में अभ्यास कर रहे हैं. शीर्ष प्रबंधन के साथ बैठकें भी हो रही हैं, हालांकि यह साफ नहीं है कि उनमें सैमसन को लेकर चर्चा हुई या नहीं.
बाकी टीमें भी सैमसन में दिलचस्पी रखती हैं, लेकिन अब तक ऐसा कोई ऑफर सामने नहीं आया है जो राजस्थान को मंजूर हो.
फैसला अब राजस्थान के पाले में
राजस्थान के लिए यह नाजुक मोड़ है. उन्हें तय करना है कि वे कप्तान को मनाने की कोशिश करेंगे या एक नया अध्याय शुरू करेंगे. फिलहाल फ्रेंचाइजी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.