हमीरपुर
पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. बी. के. एस. संजय को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गुवाहाटी का अध्यक्ष नामित किया है। एम्स संस्थान भारत में उत्कृष्ट चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान एवं रोगी देखभाल के लिए सर्वोच्च संस्थान माने जाते हैं।
देशभर में 19 एम्स कार्यरत
भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य प्रत्येक व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताएं हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने भारत की तृतीयक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सुदृढ़ करने और इन सेवाओं को बड़े शहरों से बाहर देश के कोने-कोने तक पहुँचाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। वर्तमान में देशभर में 19 एम्स कार्यरत हैं, जिनमें एम्स गुवाहाटी भी सम्मिलित है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ये नए एम्स संस्थान ‘विकसित भारत मिशन’ के आधार स्तंभ सिद्ध होंगे।
क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने हेतु सरकार ने उठाए ये कदम
एम्स गुवाहाटी की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 26 मई 2017 को रखी गई थी। इस संस्थान की स्थापना पूर्वोत्तर भारत में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने हेतु की गई थी। पूर्वोत्तर क्षेत्र का सर्वांगीण विकास वर्तमान केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज नाम
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने डॉ. भूपेंद्र कुमार सिंह संजय को पूर्वोत्तर राज्यों में उत्कृष्ट रोगी देखभाल, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को सशक्त बनाने हेतु अध्यक्ष पद पर नामित किया है। प्रो. संजय एक अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त अस्थि रोग विशेषज्ञ, क्लीनिकल शोधकर्ता, शिक्षाविद, लेखक, वक्ता, कवि और समाजसेवी हैं। उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए उनका नाम इंडिया, इंटरनेशनल, लिम्का और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जा चुका है। उनके शोध कार्य जर्नल ऑफ बोन एंड जॉइंट सर्जरी, इंटरनेशनल ऑर्थोपीडिक्स, जर्नल ऑफ हैंड सर्जरी सहित कई शीर्ष अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।
45 वर्षों के दीर्घ चिकित्सा करियर
डॉ. संजय ने अपनी बुनियादी ऑर्थोपीडिक शिक्षा कानपुर, पीजीआई चंडीगढ़ और सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ ऑर्थोपीडिक्स, नई दिल्ली से प्राप्त की। उन्होंने स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, जापान, अमेरिका और रूस से ऑर्थोपीडिक्स की विभिन्न उप-विशेषज्ञताओं में उन्नत प्रशिक्षण और फैलोशिप भी प्राप्त की हैं। अपने 45 वर्षों के दीर्घ चिकित्सा करियर में उन्होंने भारत और विदेशों में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। वे 50 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं तथा जापान, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, मलेशिया और अमेरिका सहित कई देशों के विश्वविद्यालयों में अपने ज्ञान एवं अनुभव को साझा कर चुके हैं।
2021 में उन्हें ‘पद्मश्री’ सम्मान से अलंकृत
डॉ. संजय को उनकी विशिष्ट चिकित्सा एवं सामाजिक सेवाओं के लिए अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक संगठनों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। भारत सरकार ने वर्ष 2021 में उन्हें ‘पद्मश्री’ सम्मान से अलंकृत किया।