लाड़ली बहना योजना में बड़ी छंटनी की तैयारी, दिवाली से पहले अपात्र महिलाओं के नाम होंगे बाहर

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भोपाल 
सरकार सबसे पहले अयोग्य लाभार्थियों से खुद अपना नाम सूची से वापस लेने की अपील करेगी। इसके बाद विभागीय टीमें जांच करेंगी और अपात्र नाम हटा दिए जाएंगे। सरकार का मानना है कि योजना में कुछ ऐसे नाम शामिल हो गए हैं, जिन्हें लाभ नहीं मिलना चाहिए था। सरकार का उद्देश्य है कि योजना का फायदा केवल पात्र/ योग्य महिलाओं तक पहुंचे।

राशि बढ़ाकर 1500 रुपए
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जून 2024 में घोषणा की थी कि दिवाली से लाडली बहनों को 1500 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। भाई दूज के बाद महिलाओं को यह बढ़ी हुई राशि दी जाएगी। वर्तमान लाड़ली बहनों की संख्या से गणना करने पर सरकार पर करीब 3100 करोड़ रुपए प्रति माह का भार बढ़  जाएगा। योजना की शुरुआत में योजना के तहत 1000 रुपए दिए जाते थे। अक्टूबर 2023 से राशि 1250 रुपए कर दी गई थी और अब इसे 1500 रुपए किया जा रहा है। सरकार का वादा है कि आगे चलकर इस राशि को बढ़ाकर 3000 रुपए प्रति माह किया जाएगा।

1.26 करोड़ महिलाएं लाभान्वित
फिलहाल योजना में लगभग 1.26 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। यह प्रदेश की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना मानी जा रही है। सरकार हर महीने करीब 1550 करोड़ रुपए इस पर खर्च कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इसी योजना ने राज्य में बीजेपी सरकार की वापसी में अहम भूमिका निभाई और इसके बाद कई राज्यों ने भी इसी तर्ज पर योजनाएं शुरू कीं।

1.63 लाख अपात्रों के नाम सूची से हटाए 
हाल ही में प्रशासन ने जांच के दौरान 1.63 लाख लाभार्थियों के नाम सूची से हटाए हैं। पाया गया कि कई महिलाओं ने समग्र आईडी में गलत जानकारी देकर योजना का अनुचित लाभ लिया था। सरकार अब यह सुनिश्चित कर रही है कि केवल योग्य बहनें ही योजना का लाभ प्राप्त करें। महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि योजना के लिए शर्ते और नियम बने हैं, जिसके अनुसार कार्रवाई की जाती है। अपात्रों के नाम योजना से हटाए भी जाते हैं। 

यह है पात्रता की शर्तें
– लाभार्थी महिला और उसके पूरे परिवार की कुल वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
– परिवार का कोई भी सदस्य आयकरदाता नहीं होना चाहिए।
– महिला या उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में नियमित या संविदा पद पर कार्यरत न हो, न ही किसी को पेंशन मिल रही हो।
– परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर चार पहिया वाहन (ट्रैक्टर को छोड़कर) नहीं होना चाहिए।
– परिवार की कुल जमीन 5 एकड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए।
– यदि महिला को या उसके परिवार को किसी अन्य योजना से हर महीने 1000 रुपये से अधिक सहायता मिल रही है, तो वह पात्र नहीं होगी।
– परिवार में कोई भी सदस्य सांसद, विधायक, निर्वाचित जनप्रतिनिधि या मनोनीत पदाधिकारी (पंचायत वार्ड पंच व उपसरपंच को छोड़कर) नहीं होना चाहिए।
– महिला या उसके परिवार का कोई सदस्य सरकारी बोर्ड, निगम, मंडल या उपक्रम में अध्यक्ष/सदस्य/संचालक के रूप में चयनित या मनोनीत नहीं होना चाहिए। 

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