विवेक झा, भोपाल, 18 सितंबर। राज्य में भवन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बुधवार को एमपी बिल्डिंग डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और क्रेडाई (कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। अरेरा हिल्स स्थित निगम मुख्यालय में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता निगम के प्रबंध निदेशक सिबि चक्रवर्ती ने की। क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज मीक विशेष आमंत्रित के रूप में मौजूद रहे। बैठक में निगम के मुख्य अभियंता और परामर्शदाता भी शामिल हुए।
बैठक का मुख्य एजेंडा प्रदेश के डेवलपर्स और कॉन्ट्रैक्टर्स को निगम की निर्माण गतिविधियों से जोड़ना और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले निर्माण कार्यों के लिए अपग्रेड और अपस्किल करना रहा। अधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि अगर कॉर्पोरेशन और क्रेडाई के बीच एमओयू किया जाता है, तो स्किलिंग और क्वालिटी कंस्ट्रक्शन को संस्थागत रूप दिया जा सकेगा।
निगम की भूमिका और लक्ष्य
एमपी बिल्डिंग डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, लोक निर्माण विभाग के अधीन कार्यरत है और विभिन्न शासकीय विभागों की परियोजनाओं के लिए सतत एवं गुणवत्ता युक्त भवन अवसंरचना उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है। औसत आयु 35 वर्ष वाले युवा इंजीनियरों और प्रमुख आईआईटी से प्रशिक्षित विशेषज्ञों की टीम के साथ यह निगम राज्य की सबसे सक्रिय निर्माण एजेंसियों में गिना जाता है।
क्रेडाई से सहयोग के लाभ
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि क्रेडाई के कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से निगम को गुणवत्ता निर्माण का लाभ मिलेगा। वहीं, क्रेडाई से जुड़े डेवलपर्स को मेगा और संस्थागत भवन परियोजनाओं में नए अवसर प्राप्त होंगे। यह सहयोग निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बीच एक सेतु का काम करेगा, जिससे न केवल निर्माण की गुणवत्ता सुधरेगी बल्कि सुरक्षित और टिकाऊ कार्यप्रणालियां भी लागू होंगी।
पूर्व अनुभवों का उल्लेख
क्रेडाई ने इससे पहले भी देश के विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया और अन्य संस्थाओं के साथ एमओयू किए हैं। इनका परिणाम निर्माण क्षेत्र में बेहतर गुणवत्ता और सुरक्षित कार्य पद्धतियों के रूप में सामने आया है। भोपाल में हुई यह बैठक इसी दिशा में एक नया कदम मानी जा रही है।
आगे की राह
अधिकारियों का कहना है कि निगम और क्रेडाई के बीच संभावित समझौता राज्य के निर्माण क्षेत्र में एक नई शुरुआत करेगा। स्किलिंग और अपग्रेडेशन के जरिये न केवल स्थानीय कॉन्ट्रैक्टर्स को लाभ होगा, बल्कि प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप मजबूती मिलेगी।