भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर देशभर में मॉक ड्रिल, पटना से दिल्ली तक ब्लैकआउट

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नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद बुधवार को देश के कई राज्यों में मॉक ड्रिल की शुरुआत हो गई है। दिल्ली और पटना से लेकर आंध्र प्रदेश तक कई जगहों पर ब्लैकआउट की स्थिति बनाई गई है। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर देश में 244 जिलों में इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इसे ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन अभ्यास’ नाम दिया गया है।

मॉक ड्रिल के दौरान कई इलाकों में सायरन की तेज आवाज भी सुनी गई है। सरकार के आदेशों का पालन करते हुए दिल्ली, झारखंड, हरियाणा, बिहार, आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों में अभ्यास किए गए हैं। इन राज्यों के अलावा असम में सभी 14 जिलों, उड़ीसा के सभी 12 जिलों, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और मिजोरम के आइजोल में मॉक ड्रिल की गई और आपात स्थिति में किसी भी हालात से निपटने में आने वाली चुनौतियों के लिए अभ्यास किया गया। इस दौरान हवाई हमलों, आग लगने की आपात स्थितियों और खोज एवं बचाव कार्यों जैसे कई प्रतिकूल परिदृश्यों का अनुकरण किया गया। अधिकारियों ने बताया है कि हरियाणा के सभी 11 जिलों में ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत ‘मॉक ड्रिल’ की गई। राज्य के गुरुग्राम, पंचकूला, अंबाला और रोहतक में व्यस्त शॉपिंग मॉल, बाजारों और अन्य प्रतिष्ठानों में अभ्यास किया गया।

महाराष्ट्र के मुंबई में छत्रपति शिवाजा महाराज टर्मिनल और दक्षिण मुंबई के क्रॉस मैदान में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। बता दें कि छत्रपति शिवाजा महाराज टर्मिनल पर 26 नवंबर 2008 को आतंकियों ने हमला किया था। टर्मिनल पर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मियों ने अलग-अलग और संयुक्त सुरक्षा अभ्यास भी किया। मुंबई पुलिस ने बताया कि जीआरपी और रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रूट मार्च, गश्त और जांच की। यह अभ्यास अपराह्न करीब तीन बजे शुरू हुआ और करीब एक घंटे तक जारी रहा।

वहीं दक्षिण मुंबई के क्रॉस मैदान में शाम चार बजे सायरन बजा, जिसके बाद ‘मॉक ड्रिल’ के हिस्से के रूप में हवाई हमले के दौरान नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन दल और चिकित्सकों की टीम ‘घायलों’ को बचाने के लिए दौड़ पड़ीं। अभ्यास की शुरुआत एक नकली विस्फोट के बाद आग लगने से हुई। नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी और तुरंत इलाके की घेराबंदी कर दी। जल्द ही, आग बुझाने के लिए दमकल कर्मी पहुंचे और उसके बाद चिकित्सा कर्मियों ने ‘घायलों’ को देखभाल के लिए पास के अस्पतालों में पहुंचाया।

कर्नाटक के बेंगलुरु में विभिन्न स्थानों पर ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत बड़े पैमाने पर ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। अधिकारियों के अनुसार कई स्थानों पर दोपहर तीन बजकर 48 मिनट पर सायरन बजने के तुरंत बाद नागरिक सुरक्षा कर्मी, पुलिस, अग्निशमन और आपातकालीन सेवा कर्मी हरकत में आ गए। ‘ड्रिल’ में आग लगने की स्थिति में बचाव अभियान, मलबे के नीचे से लोगों को निकालना, ऊंची इमारतों से लोगों को निकालना और चिकित्सा आपातकालीन सेवाएं शामिल थीं। अभ्यास करीब आधे घंटे तक जारी रहा।

तेलंगाना के हैदराबाद में चार स्थानों पर पुलिस, अग्निशमन विभाग और आपदा प्रतिक्रिया बलों की भागीदारी में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। यह अभ्यास सिकंदराबाद, गोलकुंडा, कंचन बाग और नचाराम एनएफसी क्षेत्र में किया गया। अभ्यास की शुरुआत का संकेत देने के लिए आउटर रिंग रोड (ओआरआर) पर शाम चार बजे सायरन बजाए गए। नागरिकों को घर के अंदर रहने, आश्रय लेने और छिपने का निर्देश दिया गया था। बचाव कर्मियों ने रस्सियों का उपयोग करके इमारतों से लोगों को निकाला, चिकित्सा सहायता प्रदान की और ऑपरेशन के दौरान ‘घायलों’ को स्थानांतरित किया। शाम साढ़े चार बजे फिर से सायरन बजे और ‘मॉक ड्रिल’ समाप्त हुई।

वहीं तमिलनाडु के दो प्रमुख प्रतिष्ठानों में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी ताकि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपात स्थितियों से निपटने का अभ्यास किया जा सके। कलपक्कम में मद्रास परमाणु ऊर्जा केंद्र और चेन्नई बंदरगाह के परिसर में अभ्यास किया गया। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर और घायल व्यक्तियों को उपचार के लिए जल्दी से जल्दी ले जाने का अभ्यास किया गया। अधिकारियों ने पहले ही बताया था कि इन दो महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में हवाई हमले जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए गतिविधियां की जाएंगी।

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