8 अक्टूबर को किसान जताएंगे विरोध: हातोद से इंदौर तक ट्रैक्टर रैली!

8-अक्टूबर-को-किसान-जताएंगे-विरोध:-हातोद-से-इंदौर-तक-ट्रैक्टर-रैली!

इंदौर
इंदौर-उज्जैन के बीच प्रस्तावित 48 किमी लंबे ग्रीन फील्ड कॉरिडोर के खिलाफ किसानों का विरोध अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। किसानों का स्पष्ट कहना है कि वे अपनी उपजाऊ जमीन किसी भी कीमत पर सड़क निर्माण के लिए नहीं देंगे। पहले चरण में कलेक्टर और एसडीएम को ज्ञापन सौंपने के बाद अब किसान सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। आठ अक्टूबर को हातोद से इंदौर के कलेक्ट्रेट तक ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। इसमें एक हजार से अधिक ट्रैक्टर शामिल होंगे। किसान कलेक्ट्रेट का घेराव कर ज्ञापन सौंपेंगे और योजना को स्थगित करने की मांग करेंगे।
 
इस सड़क का निर्माण 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए किया जाना है, लेकिन स्थानीय किसान इसका विरोध कर रहे हैं। सड़क निर्माण के कारण कई किसानों की पूरी जमीन जा रही है और इसके बदले मिलने वाले मुआवजे में आसपास के दस किमी में कहीं भी जमीन नहीं मिल रही है। मुआवजा गाइडलाइन के अनुसार दोगुना दिया जाएगा, जबकि बाजार भाव पांच गुना तक पहुंच चुका है।

किसान नेता बबलू जाधव और कैलाश सोनगरा का कहना है कि सरकार बिना किसी आकलन और सर्वे के योजना लागू कर देती है, जिससे प्रदेश के अन्नदाता के साथ अन्याय हो रहा है। इस विरोध को लेकर किसान अब ट्रैक्टर रैली निकालने का निर्णय ले चुके हैं, जिसमें इंदौर और उज्जैन जिले के सभी प्रभावित किसानों के अलावा अन्य किसान भी शामिल होंगे।

इंदौर जिले के 20 गांव प्रभावित
इस परियोजना से इंदौर की सांवेर और हातोद तहसीलों के करीब 20 गांव और उज्जैन जिले के आठ गांव प्रभावित हो रहे हैं। कुल 188 हेक्टेयर उपजाऊ जमीन इस सड़क में जाएगी। कहीं पूरी जमीन छिन रही है तो कहीं बीचों-बीच से सड़क गुजरेगी, जिससे किसान पूरी तरह बर्बादी की कगार पर पहुंच जाएंगे। कांकरिया के किसान वीरेंद्र चौहान का कहना है कि सरकार द्वारा तय मुआवजा बाजार भाव से बेहद कम है। ऐसे में न तो जमीन के बदले जमीन मिल पाएगी और न ही किसान अपनी जीविका सुरक्षित रख पाएंगे।

पहले से कई मार्ग, उन्हें करें चौड़ा
यह सड़क इंदौर के पितृपर्वत से निकलकर उज्जैन बायपास चिंतामन गणेश तक जाएगी। सरकार इसे सिंहस्थ के लिए उपयोगी बता रही है, लेकिन किसान इसका विरोध कर रहे हैं। रतनखेड़ी के राहुल पटेल और मगरखेड़ी के लक्ष्मण सिंह का कहना है कि उज्जैन जाने के लिए पहले से कई मार्ग हैं, जिन्हें चौड़ा किया जाना चाहिए। इससे किसानों की जमीन भी बच जाएगी।

गांव-गांव में जुटा रहे जनसमर्थन
बीते रविवार को किसानों की बैठक रतनखेड़ी में आयोजित हुई थी। इसमें ट्रैक्टर रैली निकालने का निर्णय लिया गया। अब रैली की तैयारी को लेकर किसानों ने गांव-गांव संपर्क और जागरूकता अभियान शुरू कर दिया है। आठ अक्टूबर को सड़कों पर उतरने और अपनी जमीन बचाने के लिए किसानों से संपर्क किया जा रहा है।

अन्य मांगें भी शामिल
रैली में किसान ग्रीन फील्ड कॉरिडोर का विरोध करने के साथ ही अपनी फसलों की समस्याओं को भी सामने रखेंगे। किसान नेता बबलू जाधव ने बताया कि किसान सोयाबीन की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने, भावांतर योजना को स्थगित करने और प्याज के दाम बढ़ाने की मांग का ज्ञापन भी अधिकारियों को सौंपेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *