छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भारी वर्षा का अलर्ट, नदियों में जलस्तर बढ़ने की आशंका

छत्तीसगढ़-के-कई-जिलों-में-भारी-वर्षा-का-अलर्ट,-नदियों-में-जलस्तर-बढ़ने-की-आशंका

रायपुर

मौसम विज्ञान केंद्र ने आगामी 24 घंटे के लिए प्रदेश में कई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। चेतावनी के अनुसार गरियाबंद और धमतरी जिलों में एक-दो स्थानों पर बहुत भारी से सीमांत भारी वर्षा होने की संभावना है। इसके अलावा कोंडागांव, कांकेर, बस्तर, महासमुंद, बालोद और नारायणपुर जिलों में भी एक-दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की आशंका जताई गई है।

रायपुर, बलौदा बाजार, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और मोहला-मानपुर-अंबागढ़-चौकी जिलों में एक-दो स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। वहीं, सरगुजा, जशपुर, सूरजपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, बेमेतरा, कबीरधाम और खैरागढ़-छुईखदान-गंडाई जिलों में भी मध्यम से भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।

बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में बना निम्न दबाव का क्षेत्र
बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के कारण आने वाले 2-3 दिनों तक दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। आज गुरुवार को 4 जिलों के लिए ऑरेंज और 19 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। रायपुर में आकाश सामान्यतः मेघमय रहने के साथ गरज-चमक के साथ वर्षा होने की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 28 डिग्री सेल्सियस और 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने बताया कि इस बार बारिश का दौर 20 अक्टूबर तक जारी रहेगा।

नदियों में जलस्तर में वृद्धि की चेतावनी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस दौरान नदियों में जलस्तर में वृद्धि होगी और नालों का ओवरफ्लो होने की संभावना है। खनन क्षेत्रों में सड़कें फिसलन भरी होंगी, और नम मिट्टी के कारण भूस्खलन व पेड़ों के गिरने की घटनाएं भी सामने आ सकती हैं। शहरों में सड़कों पर जलभराव से यातायात प्रभावित हो सकता है। रेल और सड़क मार्गों में बाधा आने, कृषि क्षेत्रों में फसलें गिरने और निचले इलाकों में कीचड़ भरी सड़कें और जलभराव होने की संभावना है। भारी वर्षा के कारण दृश्यता में कमी आएगी और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ सकता है।

मौसम विभाग ने जनता से अपील की है कि बहते पानी में कभी भी न जाएँ और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वाहन चलाने से बचें। निचले पुलों को पार करते समय सावधानी बरतें और जलस्तर की जांच अवश्य करें। कृषि क्षेत्रों में अतिरिक्त पानी की निकासी सुनिश्चित करें। वन क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई और खनन क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *