भोपाल
मध्य प्रदेश के कुछ जिलों से मानसून की विदाई हो चुकी है, लेकिन अब भी बारिश का दौर जारी है. शुक्रवार को इंदौर, भोपाल, जबलपुर, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़, देवास, बैतूल, रतलाम, नरसिंहपुर, सागर, सतना, उमरिया, बालाघाट, टीकमगढ़, रीवा और सिंगरौली समेत कई जिलों में बारिश का दौर देखा गया. इस दौरान इंदौर में देर रात तेज बारिश के चलते निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति देखी गई.
इसके अतिरिक्त सीधी में 9 घंटे में 2 इंच से ज्यादा पानी गिर गया, तो वहीं सागर में 1.5 इंच और सतना में 1 इंच बारिश हुई. साथ ही सिंगरौली में दोपहर बाद तेज बारिश का दौर शुरू हुआ. इस दौरान सिंगरौली के बैढ़न समेत देवसर और सरई इलाके में भी बारिश हुई. दूसरी ओर मऊगंज के ग्रामीण इलाके में भी तेज बारिश से जलभराव की स्थिति देखी गई. मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के अनुसार, वर्तमान समय में देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्से में डिप्रेशन और डीप डिप्रेशन एक्टिव बना हुआ है. साथ ही दो साइक्लोनिक सर्कुलेश भी सक्रिय है, जिनमें से एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एमपी के पूर्वी हिस्से के ऊपर एक्टिव है. इसका असर अगले 48 घंटे तक प्रदेश में भारी बारिश के रूप में देखने को मिलेगा.
डिप्रेशन, डीप डिप्रेशन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) के सक्रिय होने की वजह से पिछले 2 दिन से कई जिलों में तेज बारिश हुई। दशहरे के दिन भोपाल, बैतूल, दतिया, ग्वालियर, नर्मदापुरम, उज्जैन, दमोह, जबलपुर, नरसिंहपुर, छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, बालाघाट में बारिश हुई। वहीं, शुक्रवार को जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के जिलों में पानी गिरा।
यह सिस्टम शनिवार को भी एक्टिव रह सकता है। इस वजह से मौसम विभाग ने चार जिलों में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है। वहीं शुक्रवार शाम में इंदौर में तेज बारिश हुई। जिसके चलते कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। सीधी में 9 घंटे में 2 इंच से ज्यादा पानी गिर गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम अभी सक्रिय रह सकता है, इसलिए पूर्वी चार जिलों में सतर्क रहने की आवश्यकता है। शुक्रवार को इंदौर में हुई मूसलाधार बारिश से कई इलाकों में बिजली कटौती और जलभराव की समस्या भी सामने आई।
हालांकि मौसम विभाग के अनुसार यह सिस्टम धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है, फिर भी सतर्कता जरूरी है। प्रदेश के 12 जिलों – ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम – से मानसून विदा हो चुका है। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी यह विदाई हो गई है। विभाग के अनुसार 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून विदाई ले लेगा।
10 अक्टूबर तक विदा होगा मानसून प्रदेश के 12 जिलों से मानसून विदा हो चुका है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम भी शामिल हैं। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्से से मानसून विदा हुआ है। मौसम विभाग की माने तो मानसून की वापसी के लिए अभी परिस्थिति अनुकूल नहीं है, लेकिन 10 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश से मानसून विदाई ले लेगा।
बता दें कि इस साल मानसून ने मध्यप्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी। समय से एक दिन बाद मानसून प्रदेश में एंटर हुआ था। मौसम विभाग के अनुसार, 6 अक्टूबर तक प्रदेश के सभी जिलों से मानसून विदा हो जाता है, लेकिन नया सिस्टम बनने से विदाई की तारीख आगे भी बढ़ सकती है।