पटना
राजनीति में कब हृदय परिर्वतन हो जाए यह कोई नहीं जानता। ताजा उदाहरण राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं जिनका अपने भतीजा चिराग पासवान के प्रति हृदय परिर्वतन हो गया है। यह सब अचानक नहीं हुआ है। दरअसल एनडीए से विदाई के बाद पारस महागठबंधन में शामिल होने की उम्मीद पाले थे, लेकिन लालू प्रसाद से मेल-मिलाप के बाद भी पारस को महागठबंधन में भाव नहीं मिल रहा।
विधानसभा चुनाव सिर पर है। पारस अपने पुत्र यशराज पासवान को चुनावी महासमर में लांच करने की घोषणा कर चुके हैं। वे पुत्र को उसी सुरक्षित सीट अलौली विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाने की मंशा पाले हैं, जहां से वे सात बार चुनाव जीत चुके हैं। यह सीट अभी राजद के कब्जे में है। इस सीट को राजद कतई छोड़ने के मूड में नहीं है। उधर, एनडीए में अलौली सीट पर चिराग पासवान का दावा मजबूत माना जा रहा है। ऐसे में पारस भतीजा चिराग पासवान को खून का रिश्ता होने की दुहाई देते हुए गुणगान में जुट गए हैं।
उन्होंने पत्रकारों से कहा कि चिराग पासवान उनका भतीजा है। वो याेग्य हैं, मेहनती भी। अगर वे मुख्यमंत्री बनते हैं तो उन्हें सबसे ज्यादा खुशी होगी। वो मेरा परिवार के सदस्य हैं, मेरा भतीजा भी। चुनाव से पहले पारस के इस बदले सियासी राग ने चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) में भी हलचल मचा दी है। पार्टी के प्रवक्ता रंजन सिंह ने पारस के बयान का स्वागत किया और कहा कि हमारे नेता चिराग पासवान को सीएम बनाने संबंधी पशुपति पारस का बयान स्वागत योग्य है। वैसे कहने को तो पारस महागठबंधन के साथ हैं लेकिन अब तक उन्हें महागठबंधन में अधिकारिक इंट्री नहीं हुई है।
वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्र ने कहा कि महागठबंधन में सीटें पाने के लिए पारस चिराग पासवान को लेकर बयान दे रहे हैं। पारस का बयान महागठबंधन के प्रति प्रेशर पालिटिक्स है।