कफ सिरप कांड: डॉक्टर गिरफ्तार, दवा कंपनी पर केस — 14 मौतों के बाद MP सरकार सख्त

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भोपाल

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कथित तौर पर कफ सिरप पीने की वजह से एक दर्जन से अधिक बच्चों की मौत के बाद राज्य सरकार अब ऐक्शन मोड में है। ‘कोल्डरिफ’ कफ सिरप को बैन किए जाने के बाद छिंदवाड़ा जिले में एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि मारे गए अधिकतर बच्चों को इसी डॉक्टर ने वह कफ सिरप लिखी थी। परासिया में सरकारी डॉक्टर प्रवीण सोनी पर आरोप है कि वह प्राइवेट प्रैक्टिस भी कर रहे थे और उन्होंने निजी क्लिनिक में यह दवा लिखी थी। राज्य सरकार ने दवा कंपनी के खिलाफ भी मकुदमा दर्ज कराया है।

बाल रोग विशेषज्ञ प्रवीण सोनी परासिया में सरकारी डॉक्टर हैं। आरोप है कि वह यहां एक निजी क्लिनिक भी चला रहे थे। बताया जा रहा है कि जिन बच्चों की मौत हुई है उनमें से अधिकतर को सर्दी-खांसी जैसी शिकायतों के बाद डॉ. प्रवीण सोनी के क्लिनिक में लाया गया था और उन्होंने अन्य दवाओं के साथ ‘कोल्डरिफ’ लेने की सलाह दी थी। दवा में एक खतरनाक रसायन की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार ने इसे पूरे राज्य में बैन कर दिया है।

परासिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर अंकित सहलाम की शिकायत के आधार पर पुलिस ने डॉक्टर सोनी और कोल्डरिफ कफ सिरप को बनाने वाली कंपनी ‘श्रीसन फार्मास्युटिकल्स’ के खिलाफ केस दर्ज कराया है। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स ऐक्ट की धारा 27(ए) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 और 276 के तहत केस दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि दवा के नमूनों में 48.6 प्रतिशत ‘डाईथिलीन ग्लाइकॉल’ पाया गया, जो एक जहरीला रसायन है।

मध्यप्रदेश सरकार ने छिंदवाड़ा में जिन 14 बच्चों की मौत हुई है उन्हें शुरुआत में सर्दी-खांसी और बुखार जैसे साधारण लक्षण थे। आरोप है कि कफ सिरप लेने के बाद बच्चों की किडनी फेल हो गई और उनकी मौत हो गई। 6 बच्चों का अब भी इलाज चल रहा है। मृतकों में सबसे अधिक 11 परासिया उपमंडल के हैं। दो छिंदवाड़ा शहर के और एक चौरई तहसील के थे।

बैन के साथ CM का आदेश- बख्शे नहीं जाएंगे दोषी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक दिन पहले ही कोल्डरिफ को बैन करने का आदेश देते हुए सख्त ऐक्शन की बात कही। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया है। सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया जा रहा है। सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार को जांच के लिए कहा था। आज सुबह जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। बच्चों की दुखद मृत्यु के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई चल रही थी। राज्य स्तर पर भी इस मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।’

 

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