नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर लटवार किया है। कोलंबिया यात्रा के दौरान की गई टिप्पणियों को लेकर उनकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी पहले ऐसे विपक्षी नेता हैं जो विदेश जाकर देश, इसकी व्यवस्था और लोकतंत्र के विरुद्ध बोले। रिजिजू ने आगे आरोप लगाया कि राहुल गांधी भारत से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं, जिससे देश की छवि को ठेस पहुंच सकती है।
देश की इज्जत दांव पर लग जाती है
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए रिजिजू ने कहा कि मैंने राहुल गांधी के कोलंबिया वाले बयान को सुना। उन्होंने दावा किया कि भारत वैश्विक नेतृत्व नहीं कर सकता। यह बयान पूरी तरह गलत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कई क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व स्थापित किया है। लेकिन हमारे विपक्ष के नेता विदेश में जाकर कहते हैं कि भारत वैश्विक नेता नहीं बन सकता। समस्या तब पैदा होती है जब विदेशी लोग सोचने लगें कि भारत में सभी राहुल गांधी जैसे हैं, इससे तो देश की इज्जत दांव पर लग जाती है।
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि हमारे देश में बुद्धिमान लोग, मजबूत नेता और सकारात्मक विचारधारा वाले नागरिक हैं। लेकिन राहुल गांधी के ऐसे बयानों से लोग यह भ्रमित हो सकते हैं कि भारत में ऐसे लोग ही बहुमत में हैं। यह सच्चाई से परे है। संसदीय कार्य मंत्री ने भाजपा की ओर से राहुल के बयानों पर की गई प्रतिक्रिया का बचाव करते हुए स्पष्ट किया कि यह किसी व्यक्तिगत वैमनस्य से प्रेरित नहीं, बल्कि विपक्ष के नेता के रूप में उनकी जिम्मेदारी से जुड़ा मुद्दा है।
देश या सरकार के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया
उन्होंने आगे कहा कि इंदिरा गांधी, लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी, सुषमा स्वराज और शरद पवार जैसे पूर्व विपक्षी नेताओं ने कभी विदेश में रहते हुए देश या सरकार के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया। जब उनसे पूछा गया कि भाजपा हमेशा राहुल गांधी की टिप्पणियों पर ही क्यों प्रतिक्रिया देती है, तो रिजिजू ने जवाब दिया कि हमारा उनसे कोई व्यक्तिगत विवाद नहीं है। वे विपक्ष के नेता हैं। अगर वे गैर-जिम्मेदाराना बोलते हैं, तो हमें यह स्वीकार्य नहीं लगेगा।
उन्होंने आगे कहा कि इंदिरा गांधी चुनाव हारने के बाद भी विपक्ष की नेता रहीं, लेकिन उन्होंने कभी विदेश में देश के खिलाफ कुछ नहीं कहा। उसके बाद आडवाणी, वाजपेयी, सुषमा स्वराज या शरद पवार जैसे नेताओं ने भी ऐसा नहीं किया। केंद्रीय मंत्री ने चुनौती देते हुए कहा कि मुझे एक भी विपक्षी नेता का नाम बताइए, जो भारत से बाहर जाकर देश या सरकार के खिलाफ बोला हो। राहुल गांधी पहले ऐसे नेता हैं, जो विदेश यात्रा पर जाकर देश, हमारी प्रणाली और लोकतंत्र पर प्रहार करते हैं।
कोलंबिया में क्या बोले थे राहुल गांधी
कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय में एक आयोजन के दौरान राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि भारत के समक्ष सबसे बड़ी समस्या लोकतंत्र पर हो रहे हमले की है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत के पास इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में मजबूत क्षमता है, इसलिए मैं देश को लेकर बहुत आशावादी हूं। लेकिन व्यवस्था में कमियां भी हैं, जिन्हें सुधारना जरूरी है। सबसे बड़ा खतरा लोकतंत्र पर चल रहा हमला है।
इस दौरान कांग्रेस नेता ने तर्क दिया कि लोकतांत्रिक प्रणाली विविधता को बढ़ावा देती है, जो अलग-अलग परंपराओं, रीति-रिवाजों, विचारों और धार्मिक मान्यताओं को फलने-फूलने का मौका प्रदान करती है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि भारत में लोकतंत्र पर व्यापक प्रहार हो रहा है, जो एक गंभीर जोखिम है। उन्होंने कहा कि भारत में कई धर्म, परंपराएं और भाषाएं हैं। यह देश मूल रूप से इन सभी संस्कृतियों के बीच संवाद का पुल है। विविध विचारों, धर्मों और परंपराओं को जगह देने का सबसे अच्छा माध्यम लोकतंत्र है।
आरएसएस और बीजेपी पर हमला
उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल इस लोकतांत्रिक व्यवस्था पर व्यापक हमला हो रहा है, जो बड़ा खतरा है। एक अन्य बड़ा जोखिम देश के विभिन्न भागों में विचारधाराओं के बीच पैदा हो रहा तनाव है। 16-17 प्रमुख भाषाओं और अनेक धर्मों वाले देश में इन विविधताओं को पनपने देना और उन्हें उचित स्थान प्रदान करना बेहद जरूरी है। इस दौरान राहुल गांधी ने आरएसएस-भाजपा की विचारधारा पर भी प्रहार किया और कहा कि इसके मूल में ‘कायरता’ छिपी है।
कांग्रेस नेता ने कहा था कि यह भाजपा-आरएसएस का मूल स्वभाव है। अगर विदेश मंत्री के बयान पर ध्यान दें, तो उन्होंने कहा था कि चीन हमसे कहीं ज्यादा ताकतवर है, मैं उनसे कैसे टकरा सकता हूं? इस विचारधारा की जड़ में कायरता ही है। भाजपा ने राहुल गांधी की इन टिप्पणियों पर तीखी आपत्ति जताई और उन्हें ‘भारत-विरोधी’ करार देते हुए देश का अपमान करने वाला बताया।