भोपाल। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत खाद्यान्न आपूर्ति व्यवस्था को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और किफायती बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के अंतर्गत राज्य के 15 जिलों में विकासखण्ड स्तर पर नवीन प्रदाय केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों के खुलने से उचित मूल्य दुकानों तक राशन सामग्री के परिवहन की औसत दूरी में उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे राज्य को सालाना 197.16 लाख रुपये की बचत होगी।
मंत्री राजपूत ने कहा कि इन प्रदाय केंद्रों से अब उचित मूल्य की दुकानों तक सामग्री पहुंचाने में समय और लागत दोनों की बचत हो रही है। विभागीय विश्लेषण के अनुसार, 12 जिलों में परिवहन दूरी घटने से परिवहन और हैंडलिंग दरों में गिरावट दर्ज की गई है। इससे न केवल सरकारी व्यय में कमी आई है, बल्कि खाद्यान्न वितरण की गति और दक्षता भी बढ़ी है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के तहत अनुबंधित परिवहनकर्ताओं को भुगतान की गणना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में आवंटित खाद्यान्न की दूरी और डीज़ल खपत के आधार पर की जाती है। वहीं, अन्य योजनाओं के तहत आवंटित शक्कर, नमक और खाद्यान्न की परिवहन लागत शासन द्वारा जारी लागत पत्रक के अनुसार देय है।
श्री राजपूत ने कहा, “राज्य सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पात्र हितग्राही तक राशन सामग्री समय पर, गुणवत्ता के साथ और न्यूनतम लागत में पहुँचे। विकासखण्ड स्तर पर प्रदाय केंद्रों की स्थापना से आपूर्ति श्रृंखला अधिक तेज़, पारदर्शी और जनसुलभ हो गई है।”
मंत्री ने यह भी बताया कि इस पहल से विभाग को आर्थिक लाभ के साथ-साथ ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों तक खाद्यान्न वितरण की लॉजिस्टिक दक्षता में भी बड़ा सुधार हुआ है। अब परिवहन का समय कम लग रहा है और लाभार्थियों को राशन वितरण में अनावश्यक विलंब की समस्या नहीं के बराबर रह गई है।
उन्होंने कहा कि यह प्रयास मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के ‘सशक्त ग्रामीण वितरण तंत्र’ के विज़न को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है। विभाग अब निरंतर आपूर्ति प्रणाली को आधुनिक तकनीक और लागत-प्रभावी प्रबंधन के जरिए और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है, ताकि हर परिवार तक अन्न की सहज और समयबद्ध पहुँच सुनिश्चित की जा सके।
विशेष तथ्य:
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15 जिलों में खुले नए प्रदाय केंद्र
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12 जिलों में परिवहन दूरी में कमी
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परिवहन व हैंडलिंग दरों में गिरावट
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राज्य को वार्षिक 197.16 लाख रुपये की बचत
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मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना से आपूर्ति प्रणाली अधिक पारदर्शी और दक्ष बनी
