इस्लामाबाद
भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच पाकिस्तान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से तत्काल वित्तीय सहायता की अपील की है। युद्ध में भारी नुकसान, स्टॉक मार्केट में गिरावट और विदेशी मुद्रा भंडार के तेजी से गिरने के चलते पाकिस्तान की आर्थिक हालत नाज़ुक हो गई है। पाकिस्तान की सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है है कि “पाकिस्तान सरकार ने दुश्मन द्वारा भारी नुकसान के बाद अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से ज्यादा ऋण की अपील की है। बढ़ते युद्ध और शेयरों में गिरावट के बीच, हम अंतरराष्ट्रीय भागीदारों से तनाव कम करने में मदद करने का आग्रह करते हैं। राष्ट्र से मजबूत रहने का आग्रह किया गया है।” ये ट्वीट पाकिस्तान सरकार के इकोनॉमिक अफेयर्स डिवीजन की तरफ से किया गया है। लेकिन पाकिस्तानियों का कहना है कि ट्विटर अकाउंट को हैक कर लिया गया है और ऐसे पोस्ट किए जा रहे हैं। लेकिन ये पोस्ट उस वक्त किया गया है, जब IMF की आज बैठक होने वाली है, जिसमें तय किया जाएगा कि पाकिस्तान के लिए कर्ज की अगली किस्त जारी किया जाए या नहीं।
पाकिस्तान सरकार का ये पोस्ट उस वक्त आया है, जब IMF की आज बैठक होने वाली है, जिसमें तय किया जाएगा कि पाकिस्तान के लिए कर्ज की अगली किस्त जारी किया जाए या नहीं। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी खराब है और उसे डर है कि भारत, IMF के कर्ज की किस्त को रोक सकता है। पाकिस्तान को अगर किस्त नहीं मिलता है तो देश दिवालिया होने की तरफ बढ़ सकता है। वहीं जंग की वजह से उसे कई मिलियन डॉलर हर दिन खर्च करने पड़ रहे हैं।
गहरे आर्थिक संकट में फंसा है पाकिस्तान
भारत से तनाव बढ़ने के बाद कराची स्टॉक एक्सचेंज 1100 से ज्यादा अंक गिरकर नेपाल स्टॉक एक्सचेंज से भी नीचे जा चुका है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया ऐतिहासिक स्तर पर नीचे जा चुका है और विदेशी निवेशकों ने भारत से जंग की आशंका के डर से पाकिस्तानी बाजार से तेजी से अपने निवेश को निकालना शुरू कर दिया है, जिससे रुपया और ज्यादा गिरा है। पाकिस्तान को अब सिर्फ IMF से राहत की उम्मीद है। विश्लेषकों का कहना है कि युद्ध लंबे समय तक खिंचा, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 1998 के बाद सबसे बड़े संकट में घिर सकती है। पाकिस्तानी रुपया 320 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है और पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में भी तेजी से गिरावट आई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में ब्याज दरें 23 प्रतिशत और महंगाई दर 36 प्रतिशत को पार कर चुका है। पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय बार बार चेतावनी देती रहती है कि अगर राहत नहीं मिलती है तो सरकार वेतन, सब्सिडी और आयात के बिल चुकाने में असमर्थ हो जाएगी। दूसरी तरफ पाकिस्तान ने भारत के साथ जंग भी शुरू कर दी है। जंग लड़ना आसान नहीं होता है। सैनिकों को एक जगह से दूसरे जगह भेजने, फाइटर जेट्स के ऑपरेशन, मिसाइल चलाने और तमाम साजो सामान जुटाने में हर दिन का खर्च कई मिलियन डॉलर से ज्यादा का होता है। ऐसे में पाकिस्तान के लिए ज्यादा दिनों तक भारत के खिलाफ जंग लड़ना आर्थिक मोर्चे पर भी विनाशक साबित होगा। मूडी इसको लेकर पिछले हफ्ते चेतावनी जारी कर चुका है।