रायपुर 17 मई – छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में जेल में कैद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबियों के ठिकानों पर बस्तर संभाग के सुकमा, तोंगपाल, जगदलपुर तथा दंतेवाड़ा में 13 और रायपुर में दो ठिकानों को मिलाकर कुल 15 ठिकानों पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो-आर्थिक अपराध कोषांग (एसीबी-ईओडब्ल्यू) की छापेमारी जारी है।
जगदलपुर स्थित प्रेम मिघलानी और रायपुर के संतोषी नगर स्थित नहाटा परिवार के अलावा अम्बिकापुर के बड़े कपड़ा व्यापारी व सरकारी विभागों में सप्लायर धजाराम इंटरप्राजेज के मालिक अशोक अग्रवाल और मुकेश अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। सुबह तकरीबन छह बजे एंटी करप्शन के अधिकारी व कर्मचारियों ने दबिश दी।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ईडी ने कवासी लखमा के खिलाफ 3773 पन्नों का चालान पेश कर चुकी है। चालान में बताया गया है कि पूर्व आबकारी मंत्री लखमा को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी। यही नहीं वह शराब घोटाले को अंजाम देने वाले सिंडिकेट के प्रमुख थे।

इसके साथ ही कवासी लखमा की शराब नीति में बदलाव करने में भी भूमिका अहम थी। इसके अलावा चालान में शराब दुकान में निरीक्षण करने से पहले आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति लेने का भी जिक्र है।
गौरतलब है कि इससे पहले ईडी ने 28 दिसंबर को पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी के घर छापा मारा था। 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया था। गत 21 जनवरी से लखमा रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।
ईडी के चालान में बताया गया है कि शराब घोटाले में अब तक कुल 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इसमें कवासी लखमा, अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम सांई ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
इस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि एजेंसियां जाँच कर रही है। जो भी दोषी होंगे, उन्हें सजा मिलेगी।