वाराणसी
दिल्ली में 10 नवंबर को हुए आतंकी हमले का असर अब पर्यटन नगरी वाराणसी (बनारस) पर भी दिखने लगा है। बीते 48 घंटों में जिले के होटलों में लगभग 20 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल कर दी गई हैं। इनमें अधिकतर रद्दीकरण विदेशी पर्यटकों के हैं, जो हर साल नवंबर-दिसंबर में काशी का रुख करते हैं। होटल एसोसिएशन के अनुसार, स्पेन, न्यूयॉर्क, फ्रांस, इटली और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से आने वाले यात्रियों की संख्या में सीजन की शुरुआत में ही 30–40% तक गिरावट दर्ज की गई है। गंगा घाटों के पास स्थित होटलों से लेकर शहर के प्रमुख मार्गों पर बने बजट और लक्जरी होटलों तक, अधिकांश बुकिंग्स में कमी दिखाई दे रही है।
होटल इंडस्ट्री पर बड़ा प्रभाव
होटल व्यवसायियों का कहना है कि नवंबर और दिसंबर हर साल पर्यटन गतिविधियों का पीक सीजन होता है, लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं। देव दीपावली में जहां होटलों की ऑक्युपेंसी लगभग फुल थी, वहीं दिल्ली धमाके के बाद माहौल अचानक बदल गया। शहर के कई होटलों में इस महीने की ऑक्युपेंसी 15–20% तक गिर गई है। कई बड़े होटलों ने सुरक्षा कारणों और पर्यटकों की अरुचि को देखते हुए पहले से तय इवेंट बुकिंग्स भी रद्द कर दी हैं। एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ने और लगातार जारी अलर्ट ने भी विदेशी यात्रियों की यात्रा योजनाओं को प्रभावित किया है। कई पर्यटक अपनी यात्रा फिलहाल टाल रहे हैं।
सर्दियों में बढ़ता है विदेशी पर्यटकों का दबदबा
वाराणसी होटल एसोसिएशन का कहना है कि नवंबर-दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना समेत कई देशों के यात्री काशी में सर्दियों का आनंद लेने आते हैं। इसके अलावा दक्षिण भारत से आने वाले यात्रियों की संख्या भी इसी अवधि में काफी अधिक रहती है।
क्या बोले पर्यटन संगठनों के पदाधिकारी?
गोकुल शर्मा, अध्यक्ष—वाराणसी होटल एसोसिएशन
“दिल्ली की घटना का असर काशी में दिख रहा है। कुछ होटलों में बुकिंग घटी है, हालांकि कई होटलों में बुकिंग्स सामान्य रूप से जारी हैं। राहुल मेहता, अध्यक्ष—टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा कि “प्रशासन सुरक्षा को लेकर पूरी तरह एक्टिव है। नवंबर के मध्य से बनारस का पर्यटन फिर से रफ्तार पकड़ेगा। आतंकी घटनाओं का स्थायी प्रभाव काशी पर नहीं पड़ेगा।
