शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक गर्माई, विपक्ष बोला—SIR पर हो विशेष चर्चा

शीतकालीन-सत्र-से-पहले-सर्वदलीय-बैठक-गर्माई,-विपक्ष-बोला—sir-पर-हो-विशेष-चर्चा

नई दिल्ली
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार से हो रही है। इससे पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने मांग की कि वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर संसद के आने वाले विंटर सेशन में चर्चा की जाए। इसके बाद, पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर किरेन रिजिजू ने कहा कि इस मामले में आज शाम को होने वाली बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में चर्चा होगी। कांग्रेस ने दिल्ली के लाल किले के पास हाल ही में हुए ब्लास्ट के बाद नेशनल सिक्योरिटी पर चर्चा की भी मांग की।

मीडिया के मुताबिक, रिजिजू ने एसआईआर पर चर्चा की मांग पर कहा, “इस पर आज शाम बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में चर्चा होगी।” उन्होंने आगे कहा, “सभी पार्टियों ने अच्छे सुझाव दिए हैं और हमने उन्हें पॉजिटिव तरीके से लिया है।” लोकसभा और राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी – जिसमें सत्ताधारी और विपक्ष दोनों पार्टियों के सदस्य होते हैं। किरेन रिजिजू ने कहा कि सभी पार्टियों ने अच्छे सुझाव दिए हैं और हमने उन्हें पॉजिटिव तरीके से लिया है। पार्लियामेंट रुकना नहीं चाहिए, इसे आसानी से चलना चाहिए।

संसद के शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, “समाजवादी पार्टी की तरफ से सिर्फ एसआईआर का मुद्दा उठाया गया है। इसमें बहुत बड़े पैमाने पर अधिकारियों पर वोट काटने का दबाव बनाया जा रहा है।” वहीं, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, “इस बार लगता है कि चर्चा होगी। विपक्षी पार्टियां कई मुद्दे लेकर आई हैं। बिहार की जनता के जनादेश देने के बाद चीजें बदल गई हैं। चुनाव आयोग बहुत अच्छा काम कर रहा है। एसआईआर एक ही समय में 12 राज्यों में चल रहा है।”

इससे पहले, लोकसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर गौरव गोगोई ने आरोप लगाया था कि सत्ताधारी बीजेपी की लीडरशिप वाली एनडीए सरकार डेमोक्रेसी को खत्म करना, पार्लियामेंट को पटरी से उतारना और पार्लियामेंट्री परंपराओं को खत्म करना चाहती है। उन्होंने कहा कि ऑल-पार्टी मीटिंग में कांग्रेस ने नेशनल सिक्योरिटी, एयर पॉल्यूशन, वोटर लिस्ट की प्योरिटी, किसानों के मुद्दे और फॉरेन पॉलिसी पर चर्चा की मांग की। मीटिंग के बाद उन्होंने रिपोर्टर्स से कहा, “ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और गृह मंत्री (अमित शाह) के नेतृत्व में सरकार भारत के लोकतंत्र और संसदीय परंपराओं को खत्म करना चाहती है।”

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *