भोपाल में इंटीरियर डिजाइन के नाम पर लाखों की ठगी, पीड़ित ने थाने से लेकर कलेक्टर तक लगाई गुहार

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भोपाल। राजधानी में एक बड़े इंटीरियर डिजाइन और रेनोवेशन घोटाले का मामला सामने आया है। सिग्नेचर रेजीडेंसी, मंदाकिनी कॉलोनी निवासी सनी छाबड़ा ने आरोप लगाया है कि उनसे इंटीरियर डिजाइन के नाम पर 22.58 लाख रुपये का ठेका लेकर घटिया काम किया गया और अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं हुआ। पीड़ित का कहना है कि अब तक 9 लाख रुपये से ज्यादा की सीधी ठगी हो चुकी है।

सनी छाबड़ा ने इस मामले की शिकायत पुलिस थाने में लिखित रूप से दी है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर भी शिकायत दर्ज कराई है, जिसका क्रमांक 34095344 है।

एडीएम को सुनाई पीड़ा, पुलिस जांच के आदेश

मंगलवार को कलेक्टोरेट में हुई जनसुनवाई में सनी छाबड़ा ने एडीएम अंकुर मेश्राम को भी आवेदन सौंपकर शिकायत की। एडीएम ने शिकायत को गंभीर मानते हुए पुलिस को जांच के आदेश दिए।

क्या है पूरा मामला

सनी छाबड़ा ने बताया कि उन्होंने अपने फ्लैट के इंटीरियर डिजाइन और नवीनीकरण का ठेका “अविकस डिज़ाइन स्टूडियोज़” को दिया था, जिसका संचालन स्मृति श्रीवास्तव और रूपक खरे करते हैं।

  • कुल 22,58,500 रुपये की डील हुई, जिसमें 18 नवंबर 2024 को 51 हजार रुपये एडवांस में दिए गए।

  • इसके बाद अलग-अलग किश्तों में कुल 21,06,300 रुपये का भुगतान किया गया।

  • एग्रीमेंट के मुताबिक 1 मई 2025 से काम शुरू होकर 15-20 मई तक पूरा होना था।

पीड़ित का आरोप है कि तय समय सीमा में काम पूरा नहीं हुआ। जो काम हुआ, उसमें घटिया और लोकल क्वालिटी की सामग्री का इस्तेमाल किया गया। कई काम अधूरे छोड़ दिए गए।

“वादे के मुताबिक काम नहीं हुआ”

छाबड़ा ने आरोप लगाया कि इंटीरियर स्टूडियो संचालकों ने न केवल काम में लापरवाही की बल्कि झगड़ालू व्यवहार और अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि:
“मेरे साथ किया गया वादा निभाया नहीं गया। फर्नीचर और अन्य वर्क की गुणवत्ता बेहद घटिया रही। लगभग 12 लाख रुपये का ही काम किया गया जबकि 9 लाख से ज्यादा की ठगी की गई है।”

न्याय की मांग

पीड़ित ने पुलिस और प्रशासन से दोषियों पर आपराधिक मामला दर्ज करने तथा धोखाधड़ी की रकम वापस दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से मानसिक तनाव में हैं और अब न्याय मिलने की उम्मीद में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।

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