ऊटी स्टेशन से हटाएं हिंदी वाले बैनर्स, तमिल भावनाएं हो रहीं आहत: ए राजा

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कोयंबटूर 
 DMK के उपाध्यक्ष और नीलगिरी के सांसद ए. राजा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक खत लिखा है। इसमें उन्होंने एक खास अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि नीलगिरी रेलवे स्टेशन से हिंदी में लिखे बैनर हटाए जाएं। उनका कहना है कि स्टेशन पर मदन मोहन मालवीय के नाम से एक बात लिखी है, जबकि असल में वह बात तमिल कवि महाकवि भारती ने कही थी।

ए. राजा ने रेल मंत्री को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने रेलवे स्टेशन पर हिंदी के बढ़ते इस्तेमाल पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों में नाराजगी है।

अमृत भारत योजना के तहत हो रहा काम

ए राजा ने लिखा, ‘मेरी लोकसभा क्षेत्र में उधगमंडलम रेलवे स्टेशन 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। Amrit Bharat scheme के तहत स्टेशन को बेहतर बनाने का काम चल रहा है। अभी तक 90% काम ही पूरा हुआ है, लेकिन दीवारों पर बैनर लगा दिए गए हैं। इससे तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।’

ए. राजा ने यह भी कहा कि तमिलनाडु की भाषा और संस्कृति का एक लंबा इतिहास रहा है। यहां के लोग हमेशा से दो भाषाओं की नीति का समर्थन करते आए हैं। वे अपनी क्षेत्रीय जरूरतों और इतिहास को ध्यान में रखते हुए ऐसा करते हैं।

‘थोपी जा रही हिंदी’

ए राजा ने आगे कहा, ‘उधगमंडलम रेलवे स्टेशन पर जो कुछ हो रहा है, उसे भाषा थोपने की तरह देखा जा रहा है। सार्वजनिक जगहों पर हिंदी को बढ़ावा देना स्थानीय लोगों की भाषाई जरूरतों से मेल नहीं खाता है। इसे राजनीतिक दबाव के रूप में देखा जा रहा है।’ उन्होंने फिर से कहा कि मालवीय के नाम से जो बात लिखी है, वह असल में महाकवि भारती ने कही थी।

‘स्थानीय भाषा को मिले प्राथमिकता’

ए. राजा ने अश्विनी वैष्णव से अनुरोध किया है कि वे तमिलनाडु के लोगों की भाषाई भावनाओं का सम्मान करें। उन्होंने यह भी कहा कि जहां जरूरी न हो, वहां हिंदी को अनिवार्य रूप से शामिल न किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को उन बैनरों को हटाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है, जिन पर उन्हें आपत्ति है। उनका मानना है कि रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर स्थानीय भाषा को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, ताकि लोगों को अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़ाव महसूस हो।

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