विवेक झा, भोपाल, 28 जून 2025।
देश के बैंकिंग क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अवार्ड स्टाफ एम्प्लाइज यूनियन, भोपाल सर्कल ने देश का पहला महिला बैंकिंग सम्मेलन भोपाल के समन्वय भवन में सफलतापूर्वक संपन्न किया। यह आयोजन न केवल महिला बैंक कर्मियों को संगठित करने का प्रयास था, बल्कि यूनियन और बैंकिंग प्रशासन में उनकी निर्णायक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक अहम कदम साबित हुआ।
देश की बैंकिंग व्यवस्था में ऐतिहासिक क्षण
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों से आईं सैकड़ों महिला बैंक कर्मचारी इस आयोजन का हिस्सा बनीं। सम्मेलन का उद्देश्य महिला कर्मचारियों को एक सशक्त मंच देना, संगठनात्मक नेतृत्व में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करना, और यूनियन के ज़रिए उनके विचारों और समस्याओं को प्राथमिकता देना था।
आयोजन का शुभारंभ: परंपरा और संस्कृति का संगम
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 9 बजे दीप प्रज्वलन और गणेश वंदना के साथ हुई। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक भोपाल सर्कल के छह प्रमुख अंचलों – भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रायपुर और बिलासपुर – से आई महिला टीमों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिसमें लोकगीत, नृत्य और प्रेरणादायक प्रस्तुतियाँ शामिल थीं। इन कार्यक्रमों ने दर्शकों को न केवल आनंदित किया बल्कि महिला कर्मियों की बहुमुखी प्रतिभा का भी परिचय दिया।
उद्घाटन सत्र: शीर्ष नेतृत्व का संदेश
भारतीय स्टेट बैंक के महाप्रबंधक (नेटवर्क-1) कुंदन ज्योति ने दीप प्रज्वलन के बाद उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने कहा:
“बैंक की सेवाएं जितनी उत्कृष्ट हैं, उतनी ही महत्वपूर्ण है हमारे कर्मचारी वर्ग की संतुलित भागीदारी। महिला कर्मचारी आज बैंकिंग प्रणाली की रीढ़ हैं और यह सम्मेलन इस सच्चाई का प्रमाण है। हमें इस ऐतिहासिक आयोजन पर गर्व है।”
उन्होंने यूनियन के महासचिव प्रवीण मेघानी और पूरी टीम को इस नवाचार के लिए बधाई दी और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रमुख वक्ता की बात: महिला नेतृत्व ही संगठन की मजबूती
मुख्य वक्ता कॉमरेड एल. चंद्रशेखर, महासचिव – ऑल इंडिया एसबीआई स्टाफ फेडरेशन ने अपने उत्साही संबोधन में कहा:
“महिलाएं केवल बैंकिंग कार्य में दक्ष नहीं हैं, बल्कि वे यूनियन व संगठनात्मक स्तर पर भी नेतृत्व के योग्य हैं। हमें महिलाओं को केवल सदस्य नहीं, नेतृत्वकर्ता के रूप में विकसित करना है।”
उन्होंने कहा कि यूनियन में महिला पदाधिकारियों की संख्या बढ़ाना और उनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करना फेडरेशन की प्राथमिकताओं में शामिल है।
विशिष्ट अतिथि का संदेश: ‘नारी शक्ति’ है बदलाव की कुंजी
श्रीमती रुचि वर्धन मिश्र, आईजी (प्रशासन), पुलिस मुख्यालय, भोपाल ने अपने वक्तव्य में कहा:
“नारी शक्ति केवल एक नारा नहीं, बल्कि सामाजिक विकास का सशक्त औजार है। जब महिलाएं नेतृत्व में होती हैं, तो कार्यशैली और दृष्टिकोण दोनों में सकारात्मक बदलाव आता है। यह सम्मेलन उसी दिशा में बड़ा कदम है।”
उन्होंने कहा कि बैंकिंग जैसे संस्थानों में महिलाओं की संख्या के साथ-साथ उनकी भूमिका भी निर्णायक होनी चाहिए।
संगठनात्मक दृष्टिकोण: यूनियन का संकल्प
फेडरेशन अध्यक्ष पंकज कौशिक ने यूनियन की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा:
“यह सम्मेलन महिला सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यूनियन को समावेशी बनाना आज की आवश्यकता है।”
भोपाल सर्कल के उपमहाप्रबंधक मनीष मठपाल ने बैंकिंग कार्यशैली में महिला कर्मियों के योगदान को विश्लेषित किया और कहा कि विकास की गति को बनाए रखने के लिए लैंगिक संतुलन बेहद आवश्यक है।
आयोजन की आत्मा: प्रवीण मेघानी का उद्बोधन
यूनियन महासचिव प्रवीण मेघानी ने अपने स्वागत भाषण में कहा:
“यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारी सोच में बदलाव लाने की एक कोशिश है। यूनियन के हर स्तर पर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य है।”
उन्होंने सभी अंचलों की महिला प्रतिभागियों, आयोजन समिति, बैंक अधिकारियों और सहयोगी स्टाफ का धन्यवाद दिया।
समापन समारोह: कृतज्ञता और संकल्प
कार्यक्रम के अंत में यूनियन अध्यक्ष पंकज ठाकुर ने आभार प्रदर्शन किया और कहा:
“यह सम्मेलन केवल आज का आयोजन नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसे और भी सशक्त मंच तैयार करने की नींव है।”
उन्होंने विशेष रूप से महिला कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे संगठन में सक्रिय भूमिका निभाएं और अपनी नेतृत्व क्षमता को सामने लाएं।
सम्मेलन ने रचा इतिहास
यह सम्मेलन केवल एक बैठक या संवाद नहीं रहा, बल्कि यह महिला बैंक कर्मचारियों के आत्मबल, संगठनात्मक नेतृत्व और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में ठोस कदम साबित हुआ।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अवार्ड स्टाफ एम्प्लाइज यूनियन, भोपाल सर्कल द्वारा यह आयोजन महिला सशक्तिकरण के लिए देश के बैंकिंग इतिहास में एक प्रेरणादायक मॉडल बनकर सामने आया। इसके संदेश और परिणाम आने वाले समय में देश भर की बैंक यूनियनों को दिशा देंगे।