चांदी व 9 कैरेट सोने की ज्वेलरी पर भी HUID हॉलमार्किंग की तैयारी

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विवेक झा, इंदौर, जून 2025।
देशभर के सराफा कारोबारियों के लिए महत्वपूर्ण बदलावों और जानकारी से भरपूर हॉलमार्क ज्वेलर्स मीट का आयोजन इंदौर में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर के लगभग 150 से अधिक ज्वेलर्स ने सहभागिता की, जिनमें इंदौर और आसपास के व्यापारियों के साथ-साथ भोपाल और अन्य शहरों से आए सराफा कारोबारी भी शामिल थे।

कार्यक्रम में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के वरिष्ठ अधिकारियों ने उपस्थित व्यापारियों को हॉलमार्किंग की नई प्रक्रियाओं, नियमों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी। वहीं, मध्य प्रदेश सराफा एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष एवं भोपाल होलसेल सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष एस. के. गांधी ने BIS अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें चांदी की कम से कम 60% शुद्धता वाली ज्वेलरी को भी BIS स्टैंडर्ड में मान्यता देने की मांग की गई।

कार्यक्रम की प्रमुख घोषणाएं व बिंदु:

  1. चांदी की ज्वेलरी पर HUID हॉलमार्किंग अनिवार्य होने की तैयारी
    BIS अधिकारियों ने बताया कि अब चांदी की ज्वेलरी को भी HUID आधारित हॉलमार्किंग प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है। यह प्रक्रिया प्रगति पर है और इसके लिए जल्द ही मानक तय किए जाएंगे। इसके पूर्व व्यापारियों को पुराने चांदी स्टॉक को निपटाने का समय भी दिया जाएगा।

  2. 9 कैरेट सोने की ज्वेलरी को मिलेगा BIS मानक दर्जा
    एक बड़ा ऐलान करते हुए अधिकारियों ने जानकारी दी कि अब 9 कैरेट (37.5% शुद्धता वाली) गोल्ड ज्वेलरी को भी BIS हॉलमार्किंग मानकों में शामिल किया जाएगा। इससे ग्राहकों को सस्ती दरों पर प्रमाणित सोने की ज्वेलरी उपलब्ध होगी।

  3. ग्राहकों के हित में BIS का नया कदम
    सरकार और BIS का उद्देश्य है कि हर वर्ग को उचित मूल्य पर प्रमाणिक सोने की ज्वेलरी मिल सके। इसलिए 9 कैरेट की ज्वेलरी को हॉलमार्किंग के दायरे में लाना एक ऐतिहासिक निर्णय माना जा रहा है।

  4. नकली HUID हॉलमार्किंग पर रोक लगाने के उपाय
    BIS अधिकारियों ने बताया कि हॉलमार्किंग को और पारदर्शी व सुरक्षित बनाने के लिए अब ज्वेलरी की तस्वीर और उसका वजन (वेट) भी हॉलमार्किंग प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाएगा। इससे नकली या फर्जी HUID का चलन रोका जा सकेगा।

  5. जड़ाऊ-कुंदन ज्वेलरी पर भी होगा हॉलमार्किंग सिस्टम लागू
    कुंदन, स्टडेड और जड़ाऊ ज्वेलरी जैसे पारंपरिक डिज़ाइनों में भी सोने की शुद्धता सुनिश्चित करने हेतु, BIS शीघ्र ही HUID हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने जा रहा है। इससे इस प्रकार की जटिल ज्वेलरी में भी गुणवत्ता को लेकर पारदर्शिता बनी रहेगी।

सराफा कारोबारियों में दिखा उत्साह और सजगता

इस आयोजन में हॉलमार्किंग को लेकर व्यापारियों के बीच जागरूकता के साथ-साथ कई सवाल-जवाब भी हुए। व्यापारियों ने BIS अधिकारियों के सामने अपने विचार, समस्याएं और सुझाव साझा किए।
एस.के. गांधी ने अपने वक्तव्य में कहा, “हमें व्यापार में पारदर्शिता लाने के लिए BIS की इस नई प्रणाली का स्वागत करना चाहिए, लेकिन छोटे व्यापारियों को पर्याप्त समय और समर्थन मिलना भी जरूरी है।”

इंदौर की यह हॉलमार्क मीट सराफा व्यवसाय के लिए न केवल नए मानकों की जानकारी देने का मंच बनी, बल्कि व्यापारियों और अधिकारियों के बीच संवाद का भी सशक्त माध्यम सिद्ध हुई। HUID हॉलमार्किंग के विस्तार से जुड़ी यह पहल, भविष्य में सराफा उद्योग को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और ग्राहक-हितैषी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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