नई दिल्ली
देशभर में मानसून ने अपेक्षित समय से 9 दिन पहले पूरी ताकत के साथ दस्तक दे दी है। 29 जून 2025 को मानसून ने दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश और हरियाणा को भी पूरी तरह कवर कर लिया है। मौसम विभाग के अनुसार, पूरे भारत में मानसून सक्रिय हो चुका है, जबकि इसकी अपेक्षित तिथि 8 जुलाई 2025 थी।
दिल्ली में उमस और गर्मी से राहत, मौसम हुआ सुहाना
राजधानी दिल्ली में आईएमडी ने मानसून की आधिकारिक पुष्टि कर दी है। शनिवार को आईटीओ, साउथ दिल्ली, द्वारका और पूर्वी दिल्ली समेत कई इलाकों में तेज बारिश हुई, जिससे लोगों को तेज गर्मी और उमस से राहत मिली। तापमान में भी काफी गिरावट दर्ज की गई।
क्या होगा असर
भारत में मॉनसून कृषि क्षेत्र के लिए बेहद अहम है, जो देश की 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका से जुड़ा है और सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है। यह पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण है। रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि मॉनसून का जल्दी या देर से आना या जल्दी या देर से पूरे देश को कवर करने से मात्रा के स्तर पर कोई असर नहीं पड़ता है।
हालांकि, इससे किसानों को खरीफ फसलों जैसे धान, गन्ना, मोटे अनाज और कपास जैसी फसलों की बुवाई पर फैसले लेने में मदद मिलती है, क्योंकि वह सिंचाई चक्र की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फसलों का चयन करते हैं।
यहां होगी बारिश
आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘मॉनसून , 29 जून 2025 को राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा के शेष हिस्सों और पूरी दिल्ली में पहुंच गया।’ मौसम विभाग ने कहा कि अगले सात दिनों तक देश के उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्वी और पूर्वोत्तर हिस्सों में अत्याधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है। इसके अलावा, झारखंड में 29 और 30 जून तथा ओडिशा में 29 जून को कुछ स्थानों पर अत्यधिक बारिश होने की संभावना है।
आमतौर पर मॉनसून एक जून को केरल में दस्तक देता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है। इसकी वापसी 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक लौट जाता है। इस वर्ष मॉनसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो भारतीय उपमहाद्वीप में 2009 के बाद इसका सबसे जल्दी आगमन है। वर्ष 2009 में मॉनसून 23 मई को केरल पहुंचा था।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण मॉनसून तेजी से आगे बढ़ा और 29 मई तक मुंबई समेत मध्य महाराष्ट्र तथा पूर्वोत्तर भारत तक पहुंच गया। हालांकि, इसके बाद मॉनसून के आगे बढ़ने की गति लगभग 18 दिनों तक (29 मई से 16 जून तक) स्थिर रही।
आईएमडी के अनुसार, इस ठहराव के बाद मॉनसून धीरे-धीरे अन्य हिस्सों में आगे बढ़ा, लेकिन दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में इसकी प्रगति चक्रवात-रोधी हवाओं के कारण बाधित रही। दिल्ली में मॉनसून ने पिछले वर्ष 28 जून को, 2023 में 25 जून, 2022 में 30 जून, 2021 में 13 जुलाई और 2020 में 25 जून को दस्तक दी थी।
आईएमडी ने मई में पूर्वानुमान जताया था कि इस बार देश में जून से सितंबर के बीच औसत से 106 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो सकती है। सामान्य बारिश की परिभाषा 87 सेंटीमीटर की दीर्घकालिक औसत के 96 से 104 प्रतिशत के बीच मानी जाती है।
इस बार, अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है, जबकि लद्दाख, हिमाचल प्रदेश से सटे क्षेत्र, पूर्वोत्तर, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों में कम बारिश हो सकती है। पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में भी कम बारिश होने का अनुमान है।