उज्जैन के आर्यन चौहान ने मोबाइल गेमिंग में जीते ₹1.25 करोड़, अब अंतरराष्ट्रीय लेवल में खेलेंगे, जितने पर मिलेंगे 605 करोड़ रुपए

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उज्जैन 

उज्जैन के 20 साल के युवक ने मोबाइल गेमिंग में 1 करोड़ 25 लाख की इनामी राशि अपने नाम की है। युवक का नाम आर्यन चौहान है, उसने अपनी 4 सदस्यीय टीम के साथ मिलकर BGMI (बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया) प्रो सीरीज 2025 (BMPS) का फाइनल जीता है।

आर्यन ने बताया कि इस प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले दिल्ली के यशोभूमि सेंटर में 4 से 6 जुलाई तक हुआ था। इसमें देश की टॉप 16 गेमिंग टीमें शामिल थीं। आर्यन की टीम में उज्जैन के अलावा देवास, सूरत और रांची के खिलाड़ी थे। अब यह टीम सऊदी अरब में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेगी, जिसमें कुल पुरस्कार राशि लगभग 605 करोड़ रुपए है।

अब भिड़ंत होगी इंटरनेशनल ई-स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप में

बीएमपीएस जीतने के बाद आर्यन की टीम अब 8 जुलाई से 24 अगस्त 2025 तक रियाद (सऊदी अरब) में होने वाले ई-स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप (EWC) 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। इस प्रतियोगिता की कुल इनामी राशि 70.45 मिलियन डॉलर (लगभग 605 करोड़ रुपए) है।

क्या है BGMI गेम?

BGMI यानी बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया एक ऑनलाइन मोबाइल गेम है, जिसमें खिलाड़ी वर्चुअल दुनिया में टीम बनाकर लड़ते हैं। इसमें रणनीति, टीमवर्क और तेज रिफ्लेक्स की जरूरत होती है। ये गेम भारत में युवाओं के बीच काफी पॉपुलर है और अब प्रोफेशनल लेवल पर इसके टूर्नामेंट भी होते हैं, जिनमें करोड़ों की प्राइज मनी मिलती है।

90 दिनों में आएगी प्राइज मनी

आर्यन ने बताया, “दिल्ली में चार राउंड हुए थे। मैंने टीम बनाई थी जिसमें देवास, रांची और सूरत के तीन अन्य खिलाड़ी शामिल थे। इस प्रतियोगिता में हमारी टीम ‘टीएमजी गेमिंग’ ने पहला स्थान हासिल किया। दूसरे स्थान पर रही एनओएनएक्स टीम को 55 लाख रुपए, जबकि तीसरे स्थान पर रही लॉस हरमनोस टीम को 35 लाख रुपए की इनामी राशि मिली।

हमें बताया गया है कि प्राइज मनी 90 दिनों के भीतर हमारे बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। बचपन से मोबाइल पर गेम खेलना पसंद था। घरवाले पहले नाराज होते थे लेकिन मम्मी ने हमेशा सपोर्ट किया। आज इस मुकाम तक पहुंचकर बहुत खुशी हो रही है। अब मेरा अगला लक्ष्य सऊदी अरब में होने वाला इंटरनेशनल मुकाबला है, जहां दुनिया भर के गेमर्स हिस्सा लेंगे।”

मां ने किया सपोर्ट

आर्यन की मां मीनाक्षी चौहान ने कहा, शुरुआत में जब वह मोबाइल पर गेम खेलता था तो अच्छा नहीं लगता था। लेकिन बाद में महसूस हुआ कि वह इसे गंभीरता से ले रहा है और इसमें उसका भविष्य हो सकता है। इसलिए हमने उसे कभी रोका नहीं। आज वह जो कर रहा है, उस पर हमें गर्व है।

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