लॉर्ड्स पर टैमी ब्यूमोंट की इस हरकत पर मचा बवाल, अपील करती रही टीम इंडिया, मगर नहीं मिला थर्ड अंपायर का साथ

लॉर्ड्स-पर-टैमी-ब्यूमोंट-की-इस-हरकत-पर-मचा-बवाल,-अपील-करती-रही-टीम-इंडिया,-मगर-नहीं-मिला-थर्ड-अंपायर-का-साथ

नई दिल्ली
भारतीय महिला बनाम इंग्लैंड महिला वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला ‘क्रिकेट का मक्का’ कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मैदान पर खेला गया। जब इस मैदान पर आखिरी बार दोनों टीमें भिड़ी थी तो दीप्ति शर्मा के मांकडिंग ने बवाल मचाया था। काफी दिनों तक उनकी यह हरकत सुर्खियों में रही थी। इस बार इंग्लैंड की ओपनर टैमी ब्यूमोंट की ‘ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड’ यानी फील्डिंग में बाधा बनने की हरकत सुर्खियों में है। भारतीय खिलाड़ी इसको लेकर अपील करते रहे, हालांकि थर्ड अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया।

टैमी ब्यूमोंट की ‘ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड’ की घटना इंग्लैंड की पारी के पांचवें ओवर के दौरान घटी। दीप्ति शर्मा की गेंद पर ब्यूमोंट ने शॉट खेला जिसे जेमिमा रोड्रिग्स ने डाइव लगाकर पकड़ा और थ्रो सीधा विकेट कीपर की ओर फेंका। रन लेने का प्रयास कर रही टैमी ब्यूमोंट को जब दिखा कि जेमिमा गेंद को पकड़ चुकी है तो उन्होंने तुरंत क्रीज के अंदर लौटने का फैसला किया। टैमी ब्यूमोंट क्रीज के अंदर पहुंच चुकी थी, मगर जब थ्रो उनकी तरफ आ रहा था तो उन्होंने पैड लगाकर उसे रोकने की कोशिश की।

टैमी ब्यूमोंट को ऐसा करता देख भारतीय प्लेयर्स ने अपील की जिसके बाद ऑन फील्ड अंपायर्स ने चर्चा की और फैसला थर्ड अंपायर को सौंप दिया। थर्ड अंपायर ने पाया कि टैमी ब्यूमोंट ने जब गेंद पर पैड लगाने की कोशिश की तब उनका एक पैर क्रीज के अंदर पहुंच चुका था, जिस वजह से उन्हें नॉट आउट करार दिया गया।
हालांकि ऐसा कोई नियम नहीं है कि क्रीज के अंदर पहुंचने के बाद बल्लेबाज को फील्डिंग में जानबूझकर बाधा बनने की आजादी होती है।

क्या कहता है ऑब्स्ट्रक्टिंग द फील्ड का नियम
खेल की शर्तों के नियम 37.1.1 में कहा गया है कि, “यदि बल्लेबाज, धारा 37.2 की परिस्थितियों को छोड़कर, और गेंद खेल में होने पर, जानबूझकर शब्दों या कार्यों द्वारा फील्डिंग पक्ष को बाधित करने या विचलित करने का प्रयास करता है, तो उसे क्षेत्ररक्षण में बाधा डालने के लिए आउट माना जाएगा।”

37.1.2 यदि स्ट्राइकर, खंड 37.2 की परिस्थितियों को छोड़कर, गेंदबाज द्वारा फेंकी गई गेंद को प्राप्त करते समय, जानबूझकर गेंद को उस हाथ से मारती है जिसमें बल्ला नहीं है, तो उसे फील्डिंग में बाधा पहुंचाने का दोषी माना जाएगा। यह नियम तब भी लागू होगा जब वह पहली स्ट्राइक हो, दूसरी या बाद की स्ट्राइक हो। गेंद प्राप्त करने का कार्य गेंद पर खेलने और अपने विकेट की रक्षा में गेंद को एक से अधिक बार मारने, दोनों तक विस्तारित होगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *