जयशंकर से मुलाकात के बाद नरम पड़े वांग यी, कहा- भारत हमारा साझेदार है, दुश्मन नहीं

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चीन 
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत-चीन संबंध में सहयोग की ओर लौटने की दिशा में सकारात्मक रुझान दिख रहे हैं। यी ने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं बल्कि साझेदार के रूप में देखना चाहिए। आधिकारिक मीडिया ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। खबर के अनुसार सोमवार को नयी दिल्ली पहुंचे वांग ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। उनकी यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की प्रस्तावित यात्रा से पहले हुई है।

बैठक में वांग ने जयशंकर से कहा कि चीन-भारत संबंध में सहयोग की ओर लौटने की दिशा में सकारात्मक रुझान दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के 75 साल पूरे हुए हैं और अतीत से सबक सीखा जा सकता है। उनका यह बयान पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद चार साल से अधिक समय में संबंधों में आई दरार की ओर स्पष्ट संकेत था। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने बताया कि उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के लिए सही रणनीतिक धारणा रखना, एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी या खतरे के बजाय साझेदार और अवसर के रूप में देखना तथा विकास एवं पुनरुद्धार में अपने बहुमूल्य संसाधनों का निवेश करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को प्रमुख पड़ोसी देशों के लिए आपसी सम्मान और विश्वास के साथ सह-अस्तित्व, साझा विकास और अनुकूल सहयोग हासिल करने के सही तरीके तलाशने चाहिए।
 
वांग ने कहा कि चीन मैत्री, ईमानदारी, परस्पर लाभ और समावेशिता के सिद्धांतों को कायम रखने और भारत सहित पड़ोसी देशों के साथ मिलकर एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित, समृद्ध, खूबसूरत और मैत्रीपूर्ण क्षेत्र बनाने के लिए काम करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को भरोसा करना चाहिए, एक दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, बाधाओं को दूर करना चाहिए, सहयोग का विस्तार करना चाहिए। खबर के अनुसार, वांग और जयशंकर के बीच बातचीत के बाद दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर सहमत हुए। अमेरिका की परोक्ष रूप से आलोचना करते हुए वांग ने कहा कि दुनिया बदल रही है और एकतरफा धमकाने की प्रथा बढ़ गई है, जिससे स्थिति तेजी से बदल रही है। 

 

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