ग्वालियर कोर्ट का फैसला: विधवा को नौकरी में 10 साल सेवा की शर्त के बिना हक मिला

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ग्वालियर
हाई कोर्ट की ग्वालियर पीठ ने एक शासकीय सेवक की विधवा को पारिवारिक पेंशन दिए जाने का आदेश सुनाया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नियमित सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर विधवा को पारिवारिक पेंशन मिलनी चाहिए। दस वर्ष से कम सेवा अवधि की शर्त नहीं लगाई जा सकती है।

याचिकाकर्ता कमलीबाई के पति की 1998 में सेवा के दौरान मृत्यु हो गई थी। उनकी कुल शासकीय सेवा अवधि सात साल छह माह आठ दिन थी। विभाग ने 10 साल की सेवा पूरी नहीं होने का हवाला देकर पेंशन देने से मना कर दिया था। कोर्ट ने पेंशन नियम 1976 की धारा 47 का हवाला दिया। इसके अनुसार सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर परिवार को पेंशन का अधिकार है।
 
नियम सिर्फ सेवानिवृत्ति पर लागू होता है- कोर्ट
कोर्ट ने कहा कि नियम 43(2) सिर्फ सेवानिवृत्ति पर लागू होता है। सेवा में मृत्यु की स्थिति में नियम 47 लागू होगा। कोर्ट ने विभाग के दो जुलाई 2012 के आदेश को रद कर दिया है। कोर्ट ने दो माह के भीतर याचिकाकर्ता की पेंशन तय करने और भुगतान का आदेश दिया है। साथ ही बकाया पेंशन पर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज देने का भी निर्देश दिया है।

 

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