काशी में एमपी सरकार की इन्वेस्टर्स मीट, रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में जुटेंगे उद्यमी

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भोपाल 
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नवंबर में वाराणसी में इन्वेस्टर्स मीट कराने का निर्णय लिया है। यह कार्यक्रम वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में होगा। इस सिलसिले में रामनगर इंडिस्ट्रयल एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल रीवा में सीएम मोहन यादव से मिला है।

मुख्यमंत्री ने उद्यमियों के साथ अलग-अलग वार्ता कर निवेश के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सभी सुविधाओं के अतिरिक्त अन्य कोई भी आवश्यकता के लिए जिला कलेक्टर, औद्योगिक विकास आयुक्त मध्य प्रदेश एवं मुख्यमंत्री कार्यालय से सीधे संपर्क में रहने की बात कही। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने हनुमाना के पास स्थित औद्योगिक क्षेत्र को देखा। 

इस दौरान मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निदेशक रीवा संभाग यूके तिवारी व पूरी टीम उपस्थित रही। प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस मिश्रा, महामंत्री राकेश जायसवाल, उपाध्यक्ष सुरेश पटेल, उपाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, उपाध्यक्ष संजय गुप्ता, प्रतिष्ठित उद्यमी प्रमोद चौरसिया, अंजनी अग्रवाल, पियूष अग्रवाल आदि शामिल थे।

अयोध्या में राम मुस्कुराते हैं, तो मथुरा में कृष्ण क्यों नहीं? – मोहन यादव का सवाल

भगवान राम अपने बाल रूप मे अयोध्या में विराज चुके हैं तो वहीं मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि को लेकर गाहे-बगाहे स्वर उठते रहते हैं। हिंदुओं का मत है कि भगवान राम की तरह मथुरा में भी भगवान कृष्ण का भव्य मंदिर बने,पर अभी यह मामला कोर्ट में है। इस बीच मथुरा पहुंचे मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने नया बयान दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि जब अयोध्या में भगवान राम मुस्कुरा रहे हैं, तो मथुरा में भगवान कृष्ण के मुस्कुराने में क्या गलत है।

मुख्यमंत्री वृंदावन में थे। वह अपने कैबिनेट मंत्री राकेश शर्मा द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का जश्न मनाने और शहीदों को सम्मानित करने के लिए केशव धाम में आयोजित भागवत कथा के समापन समारोह में शामिल हुए थे। इस अवसर पर यादव ने कहा, “हमने अयोध्या में रामलला को मुस्कुराते हुए देखा है… जब रामलला मुस्कुरा रहे हैं, तो कृष्ण कन्हैया भी मुस्कुराएं तो इसमें क्या गलत है?” उन्होंने आगे कहा, “यह भी खुशी का एक कारण होना चाहिए। आवाज तो चारों दिशाओं से आ रही है।”

किसी का नाम लिए बिना मोहन यादव ने कहा, “जो बहरे हैं, वे अपने कान ठीक कर लें, जिनकी आंखों में दिक्कत है, वे साफ-साफ देख लें। हम ज्यादा दूर नहीं हैं।” यह ध्यान देने योग्य है कि मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद-श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही है। हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और जमीन वापस लेने की माँग कर रहा है, जबकि मुस्लिम पक्ष 1968 के समझौते और 1991 के पूजा स्थल अधिनियम (Places of Worship Act) का हवाला देते हुए मस्जिद की कानूनी वैधता का दावा कर रहा है। मोहन यादव ने इस मामले का सीधा जिक्र नहीं किया, लेकिन उनके बयानों को इस संदर्भ में देखा जा सकता है।

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