आत्मनिर्भर पंचायतों से ही साकार होगी विकसित यूपी की परिकल्पना: मुख्यमंत्री

आत्मनिर्भर-पंचायतों-से-ही-साकार-होगी-विकसित-यूपी-की-परिकल्पना:-मुख्यमंत्री

जिला और क्षेत्र पंचायतों से मुख्यमंत्री का आह्वान, नवाचारों को अपनाएं, लोककल्याण के साथ आय संवर्धन को भी दें वरीयता

विकसित यूपी की परिकल्पना साकार करने मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों और सदस्यों से सहयोग का किया आह्वान

विकसित यूपी@2047” को जन-जन का संकल्प बनाने में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की सबसे बड़ी भूमिका

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने वाली सबसे महत्वपूर्ण कड़ी: मुख्यमंत्री

सभी जिला और क्षेत्र पंचायतों में विकसित यूपी@2047 विषय पर संगोष्ठी आयोजित की जाए: मुख्यमंत्री

प्रत्येक जनपद से तीन और प्रदेश स्तर पर पाँच सर्वश्रेष्ठ सुझावों को पुरस्कृत किया जाएगा

लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आत्मनिर्भर पंचायतें ही विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047 की परिकल्पना को साकार कर सकती हैं। उन्होंने जिला व क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों एवं सदस्यों से संवाद करते हुए आह्वान किया कि पंचायतें अपनी वार्षिक कार्ययोजना में नवाचारों को बढ़ावा दें और लोककल्याण के साथ आय संवर्धन को प्राथमिकता दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से विकास के नए मॉडल तैयार होंगे और यही आत्मनिर्भरता व सुशासन का आधार बनेगा। ‘विकसित यूपी@2047’ संवाद शृंखला के अंतर्गत रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद किया। इस अवसर पर अभियान से संबंधित एक वीडियो फ़िल्म दिखाई गई तथा क्यूआर कोड और पोर्टल के माध्यम से सुझाव साझा करने की प्रक्रिया से प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘विकसित यूपी@2047’ केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामूहिक चेतना और जनभागीदारी का ऐतिहासिक संकल्प है। भारत की आत्मा गांवों में बसती है और पंचायतें ही इस महान लक्ष्य की वास्तविक शिल्पकार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने वाली सबसे अहम कड़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। बीते साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने ऐतिहासिक प्रगति दर्ज की है। प्रदेश की जीडीपी 13 लाख करोड़ से बढ़कर 35 लाख करोड़ की ओर अग्रसर है, प्रति व्यक्ति आय 52 हजार रुपये से बढ़कर 1.20 लाख रुपये तक पहुँची है। 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पर कार्य चल रहा है, जिससे 60 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। महिला कार्यबल भागीदारी 13% से बढ़कर 34% तक पहुँची है। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ दर्ज हुई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र की परिकल्पना हेतु स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है। तीन थीम; ‘अर्थशक्ति, सृजनशक्ति और जीवनशक्ति’ तथा 12 प्राथमिक सेक्टर चिन्हित किए गए हैं। अगले पाँच वर्षों में यूपी को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को बताया कि विकसित यूपी@2047 विषय पर विधानमंडल के मानसून सत्र में 27 घंटे की विशेष चर्चा की गई थी। उन्होंने कहा कि ‘विकसित यूपी@2047’ की सफलता में पंचायतों की भागीदारी सर्वोपरि है। इसी क्रम में सभी पंचायत प्रतिनिधियों को पत्र, बुकलेट और लीफलेट भेजे गए हैं, जिनमें विशेष क्यूआर कोड व पोर्टल उपलब्ध हैं। इसके माध्यम से आमजन अपने सुझाव साझा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधियों से कहा कि वे इस पत्र को बैठकों में पढ़ें, जनता को अभियान से जोड़ें और गाँव-गाँव, वार्ड-वार्ड तक संदेश पहुँचाएँ।

उन्होंने बताया कि अब तक 11 लाख से अधिक लोग अपने सुझाव साझा कर चुके हैं। प्रत्येक जनपद से तीन और प्रदेश स्तर पर पाँच सर्वश्रेष्ठ सुझावों को पुरस्कृत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी जिला और क्षेत्र पंचायतों में “विकसित यूपी@2047” विषय पर संगोष्ठियाँ भी आयोजित की जाएँ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संवाद केवल विचार-विनिमय नहीं, बल्कि साझा संकल्प का अवसर है। जब हर ग्राम, हर ब्लॉक और हर जिला आत्मनिर्भरता व सुशासन का प्रतीक बनेगा, तब उत्तर प्रदेश विकसित भारत 2047 का पथप्रदर्शक राज्य बनेगा।

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