बड़वानी – सायबर अपराध से पीड़ित नित नए मामले थाने पर पहुंचते है जिसमे पुलिस आरोपियों को पकड़कर नकेल कसने का काम भी करती है लेकिन कई ऐसे सायबर अपराध भी है जिनकी तह तक पहुंच पाने की प्रक्रिया जटिल होती है इसी को दृष्टिगत रखते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने एडिशनल एसपी के नेतृत्व में सायबर सेल की टीम गठित कर रखी है जिन्हे निर्देश दिए गए है की सायबर अपराध पर नकेल कसने है साथ ही स्कूल , कॉलेज और अन्य बड़े जनसमूहों के बीच जाकर सायबर अपराध के तरीकों और उनसे किस तरह बचा जा सकता है इसकी जागरूकता का अभियान चलाया जा रहा है।
इसी कड़ी में आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय की सायबर सेल टीम शहर के वैष्णवी एमिनेंट स्कूल पहुंची जहाँ सैकड़ो की संख्या में मौजूद छात्रों को सायबर अपराध किस तरह होते है और उससे कैसे बचे यह बताया गया।
सायबर सेल के प्रभारी सब इंस्पेक्टर रितेश खत्री ने छात्रों को बताया की मोबाईल पर खेले जाने वाले गेमो से दूर रहे व उस गेम की एप पर कभी भी बैंक डिटेल न डाले और न ही गेम्स में कुछ खरीदे। ऑनलाइन शॉपिंग करने के दौरान भी सेफ वेबसाईट पर ही खरीदी करे , पार्सल लेट होने पर फर्जी फोन कॉल कर पार्सल जल्दी पाने के लिए लिंक भेजी जाती है जिस पर 5 रुपए का टिकट खरीदने के लिए कहा जाता है जहाँ से हमारा अकाउंट हैक कर बैंक बैलेंस उड़ा देते हैं। सेफ ब्राउजिंग को लेकर भी छात्र के सवाल पर जवाब देते हुए खत्री ने बताया की हम जो भी सर्च करते है उसमे रिजल्ट में जो भी सबसे पहले आता है वो सही होता है साथ ही http के साथ s लगा हो तो इसका मतलब है कि वह वेब पेज सिक्योर है। यह एक सेफ ब्राउजिंग की बड़ी पहचान है। आजकल हर व्यक्ति सोशल मीडिया अकाउंट बनाता ही है उसे हमेशा प्राइवेसी और अकाउंट को लॉक रखने की सलाह दी क्योंकि ऐसा नहीं करने पर हमारे परिवार की फोटो, प्राइवेट जानकारी साथ ही हम कब कहा आते जाते है किससे मिलते पूरा डाटा सोशल हो जाता है जिसका उपयोग शातिर बदमाश अपराधो को अंजाम देने में उपयोग करते है।
कई बार व्यक्ति सोशल मीडिया पर घर से बाहर परिवार सहित घूमने जाने की पोस्ट कर देते है जिससे चोरी को सुने मकान की सूचना आराम से मिल जाती है जिसका फायदा उठाकर चोर उस घर को अपना निशाना आसानी से बना लेते है साथ ही आपकी फोटो के माध्यम से फेक अकाउंट बनाकर आपके नाम से लोगो से फर्जी तरीके से पेमेंट की आवश्यकता बताकर ठगी कर लेते है। एटीएम मशीन पर भी क्लोन बनाने की मशीन लगाकर कर एटीएम की डिटेल कॉपी कर फ्राड कर देते है , एटीएम से पेमेंट निकलते समय यह सावधानी भी रखे की ऐसे समय किसी अज्ञात व्यक्ति की सहायता भी न ले । श्री खत्री द्वारा दी गयी इन सभी जानकारी को स्कूल की छात्रा निरीक्षा वर्मा और छात्र सहज बर्वे ने काफी महत्वपूर्ण बताया और उन सभी जानकारियों को अपने दोस्तो और परिवार में भी साझा करने की बात कही। इस दौरान कार्यक्रम में वैष्णवी एमिनेंट स्कूल के डायरेक्टर दिनेश शर्मा और गौरव ओचाणी व शिक्षकगण भी मौजूद रहे ।