इंदौर
नगर निगम का पोर्टल 1 अप्रैल से बंद है। इससे शहर के लोगों को टैक्स भरने में परेशानी हो रही है। निगम को अब तक लगभग 25 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। पोर्टल बंद होने से ऑनलाइन टैक्स वसूली पूरी तरह से रुक गई है। नए खाते भी नहीं खुल पा रहे हैं। लोगों को टैक्स भरने की रसीद नहीं मिल रही है और न ही उनका रिकॉर्ड अपडेट हो पा रहा है।
पोर्टल को चालू करने की कर रहे कोशिश
निगम अधिकारी पोर्टल को फिर से चालू करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। 10 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत है और पोर्टल बंद होने से निगम को राजस्व मिलने में दिक्कत हो सकती है।
दफ्तरों के चक्कर काट रहे लोग
पोर्टल बंद होने से शहर में अफरा-तफरी मची हुई है। लोग टैक्स भरने के लिए नगर निगम के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। पोर्टल 1 अप्रैल से बंद है। इसे नए वित्तीय वर्ष के लिए डेटा अपडेट करने के लिए बंद किया गया था। निगम ने कहा था कि एक हफ्ते में पोर्टल फिर से शुरू हो जाएगा लेकिन मई का पहला हफ्ता बीत चुका है, और पोर्टल अभी भी बंद है।
निगम को भारी नुकसान
ऑनलाइन टैक्स वसूली पूरी तरह से ठप हो गई है। इसका सीधा असर निगम की आय पर पड़ रहा है। लोग टैक्स भरने के लिए जोनल ऑफिस और निगम मुख्यालय जा रहे हैं लेकिन वहां उन्हें बताया जा रहा है कि रसीद कट्टे उपलब्ध नहीं हैं। इस वजह से लोग संपत्ति कर, जल कर और किराया जमा नहीं कर पा रहे हैं। लोगों को न तो रसीद मिल रही है और न ही उनका रिकॉर्ड अपडेट हो पा रहा है। नए खाते खुलवाने के लिए भी लोग परेशान हैं। जोनल ऑफिस और मुख्यालय पर संपत्ति कर और जल कर के नए खाते खुलवाने वाले लोग चक्कर लगा रहे हैं लेकिन पोर्टल बंद होने से नए खाते नहीं खुल पा रहे हैं।
भोपाल तक लगा चुके गुहार
निगम के अधिकारी पोर्टल को लेकर भोपाल तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। अधिकारी यह भी नहीं बता पा रहे हैं कि पोर्टल कब तक चालू होगा। एक तरफ नगर निगम आर्थिक संकट से जूझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ लोग टैक्स जमा करने के लिए परेशान हो रहे हैं।