नयी दिल्ली गुजरात के अहमदाबाद में निजी क्षेत्र के मारेंगो सीआईएमएस अस्पताल ने एशिया में पहला रक्तहीन हृदय प्रत्यारोपण किया है।
अस्पताल में हृदय प्रत्यारोपण कार्यक्रम के निदेशक डॉ. धीरेन शाह, सर्जन डॉ. धवल नाइक, कार्डियोथोरेसिक एनेस्थेटिस्ट डॉ. निरेन भावसार और एनेस्थेटिस्ट एवं इंटेंसिविस्ट डॉ. चिंतन सेठ ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एशिया में यह पहला हृदय प्रत्यारोपण है जिसमें रक्तस्राव नहीं हुआ है।
डाॅ. शाह ने बताया कि यह सर्जरी 52 वर्षीय एकभारतीय मरीज पर की गई, जो इस्केमिक डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी और अंतिम चरण की हृदय विफलता से पीड़ित थे। हृदय प्रत्यारोपण जैसी सर्जरी में उच्च मात्रा में रक्त की आवश्यकता होती है क्योंकि सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान काफी मात्रा में रक्तस्राव होता है। उन्होंने कहा कि रक्त भी एक अंग है और रक्त चढ़ाना अपने आप में एक अंग प्रत्यारोपण ही माना जाता है, जिसकी पूरी निगरानी और नियंत्रण किया जाता है।
उन्होंने कहा कि रक्तस्राव रहित सर्जिकल प्रक्रियाओं में, सर्जिकल रक्त हानि को उस बिंदु तक कम किया जाता वहां रक्त प्रवाह न्यूनतम हो जाता है। इससे रोगी का रक्तस्राव नहीं होता तथा और रक्त देने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
उन्होंने कहा कि इस अत्यधिक नवीन प्रोटोकॉल थेरेपी से गुजरने वाले मरीज को केवल नौ दिनों में छुट्टी दे दी गई। आमतौर पर हृदय प्रत्यारोपण के रोगी को छुट्टी से पहले अस्पताल में 21 से 24 दिनों की आवश्यकता होती है।
डाॅ. शाह ने कहा कि इस हृदय प्रत्यारोपण के साथ ही मारेंगो सीआईएमएस अस्पताल अत्यधिक जटिल हृदय प्रत्यारोपण करने वाले शीर्ष 10 वैश्विक संस्थानों में से शामिल हो गया है।