विवेक झा, भोपाल, 28 मई 2025।
भारतीय वाणिज्य और उद्योग महासंघ (FICCI) द्वारा आज भोपाल के प्रतिष्ठित कोर्टयार्ड बाय मैरियट होटल में ATA कार्नेट पर केंद्रित एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न औद्योगिक एवं व्यावसायिक क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार की सुगमता सुनिश्चित करने वाले इस महत्वपूर्ण दस्तावेज़ – ATA कार्नेट – के बारे में जानकारी देना और उन्हें इसके प्रयोग हेतु प्रोत्साहित करना था।
यह आयोजन फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FMPCCI), मंडीदीप एसोसिएशन और गोविंदपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित किया गया। संगोष्ठी में उद्योग, निर्यात, प्रदर्शन एवं सेवाओं से जुड़े कई प्रतिष्ठित प्रतिनिधि और विशेषज्ञ शामिल हुए।
क्या है ATA कार्नेट और क्यों है यह महत्वपूर्ण?
ATA कार्नेट को आम बोलचाल में “सामान का पासपोर्ट” कहा जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दस्तावेज़ है, जो अस्थायी रूप से किसी अन्य देश में वस्तुओं के आयात की अनुमति देता है – वो भी बिना किसी सीमा शुल्क या कर के भुगतान के। वर्तमान में 80 से अधिक देश इस प्रणाली से जुड़े हैं, जिससे व्यवसायियों को बिना जटिल औपचारिकताओं के अस्थायी आयात की सुविधा मिलती है।
भारत में FICCI ही National Issuing and Guaranteeing Association (NIGA) के रूप में इस दस्तावेज़ के निर्गमन और गारंटी की प्रक्रिया को संभालता है।
ATA कार्नेट का उपयोग मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों, प्रदर्शनियों, खेल आयोजनों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, फिल्म शूटिंग, फोटोग्राफी, वास्तुकला से जुड़ी परियोजनाओं और व्यावसायिक नमूनों के अस्थायी आयात में किया जाता है।
संगोष्ठी के प्रमुख बिंदु और वक्ताओं की बातें
संगोष्ठी की शुरुआत FICCI मध्यप्रदेश राज्य परिषद के श्री कुनाल गिआनी के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने मध्यप्रदेश के निर्यात क्षेत्र की संभावनाओं पर बल देते हुए कहा कि, “ATA कार्नेट जैसे वैश्विक दस्तावेज़ों का सही प्रयोग राज्य को अंतरराष्ट्रीय व्यापार मानचित्र पर और सशक्त रूप में प्रस्तुत कर सकता है।”
इसके बाद फेडरेशन ऑफ एमपी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष श्री दीपक शर्मा ने उद्घाटन टिप्पणी में प्रदेश के उद्योगों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए निर्यात को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता जताई।
ऑल इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन, मंडीदीप के उपाध्यक्ष श्री आदित्य राज मोदी ने मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र की विशेषताओं और वहां की इकाइयों की निर्यात क्षमता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मंडीदीप जैसे क्लस्टर को अंतरराष्ट्रीय बाजार में और अधिक सक्षम बनाने के लिए ATA कार्नेट एक प्रभावी माध्यम हो सकता है।
FICCI के वरिष्ठ सलाहकार एवं पूर्व CESTAT सदस्य श्री पीएस पृथि ने सीमा शुल्क विभाग के दृष्टिकोण से ATA कार्नेट की प्रक्रिया को समझाया और बताया कि यह दस्तावेज़ कैसे व्यापारियों और अधिकारियों दोनों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाता है।
FICCI की निदेशक सुश्री एस. विजयलक्ष्मी ने FICCI की भूमिका और ATA कार्नेट की संपूर्ण प्रक्रिया पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह दस्तावेज़ एक वर्ष के लिए मान्य होता है और इसके तहत एक ही दस्तावेज़ के साथ कई बार सीमा पार व्यापारिक गतिविधियाँ की जा सकती हैं।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रधान आयुक्त, CGST एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क, भोपाल सुश्री एन. पद्माश्री (IRS) रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा,
“ATA कार्नेट जैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार उपकरण भारत के निर्यातकों के लिए व्यापार में सुगमता और वैश्विक पहुँच का सशक्त माध्यम बन सकते हैं। इससे न केवल प्रक्रियात्मक बाधाएं दूर होती हैं, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारतीय कंपनियों की दक्षता भी बढ़ती है।”
उद्योग जगत की सक्रिय भागीदारी
इस संगोष्ठी में भोपाल, मंडीदीप, इंदौर, ग्वालियर एवं अन्य औद्योगिक क्षेत्रों से आए सैकड़ों उद्यमियों, निर्यातकों, प्रदर्शकों, कलाकारों, फोटोग्राफरों, वास्तुकारों और सेवा प्रदाताओं ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने अपने सवालों के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओं को साझा किया और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया।
प्रमुख लाभों पर विशेष बल
संगोष्ठी में इस बात पर जोर दिया गया कि ATA कार्नेट:
-
सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सरल बनाता है
-
कागजी कार्यवाही और प्रशासनिक बोझ को कम करता है
-
निर्यातकों को बिना शुल्क भुगतान के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों और कार्यक्रमों में भाग लेने की सुविधा देता है
-
व्यापारियों को एक वर्ष तक कई बार उपयोग किए जाने वाले एक ही दस्तावेज़ के ज़रिए कई देशों की यात्रा की अनुमति देता है
-
MSME को वैश्विक मंच प्रदान कर सकता है
निष्कर्ष: मध्यप्रदेश को मिलेगी नई उड़ान
यह जागरूकता संगोष्ठी FICCI द्वारा उठाया गया एक सराहनीय कदम है, जो न केवल व्यापार जगत को जागरूक कर रही है बल्कि मध्यप्रदेश के उद्योगों को वैश्विक अवसरों के लिए तैयार भी कर रही है। ATA कार्नेट जैसे आधुनिक व्यापारिक साधनों की जानकारी और उनका सक्रिय उपयोग राज्य के निर्यातकों और सेवा प्रदाताओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
FICCI और संबंधित औद्योगिक संगठनों की इस पहल से यह स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश आने वाले समय में वैश्विक व्यापार के नए केंद्र के रूप में उभरने की पूरी क्षमता रखता है।