श्री गणेशाय नमः
क्या होते है पितृ दोष —
वस्तुतः ज्योतिष शास्त्रों में कई तरह के पितृ शाप का उल्लेख मिलता है, किंतु आम व्यक्ति की समझ से परे होते है यह योग लेकिन इन योगों से उत्पन्न कष्ट से सदैव परेशान रहते है।जब भी किसी विद्वान ज्योतिषी के पास जाते है तो सबसे पहले उनका यह प्रश्न होता है कि हमने तो कभी भी किसी का अनिष्ट नही किया न ही कोई कष्ट पहुँचाया फिर हम क्यों परेशान है। इसीलिये हम इन दोषों का सरल भाषा मे समझाने का प्रयास कर रहे है, शापित कुंडली,पितृ शाप,मातृ श्राप, अजन्मे का श्राप, ब्राह्मण,गुरु श्राप ,बहन-बुआ-बेटी का श्राप,गौ ,भाई, मित्र,पुत्र आदि ऋण होते है जो जीवन मे तनाव , सफलता ,बदनामी, धोखा, लम्बी बीमारी ,कलह देते है ।
आइये कैसे बनते है यह दोष मनुष्य जब अपने कर्तव्य से विमुख हो जाता है और जो कर्म करता है जैसे-माता-पिता की सेवा न करना ,उनको भूखा रखना, उनकी अंत्येष्टि न करना ,पिंडदान, वार्षिक श्राद्ध न करना, भाई-बहन की सम्पति हड़प लेना, बुआ -बहन के प्रति जो भी कर्तव्य हो न निभाना, ब्राह्मण गुरु की निंदा, उनकी अवेहलना, उनका धन हरण कर लेना , किसी मुसीबत के समय लिया धन नही लौटना, गर्भ हत्या, पत्नी को सताना, किसी दूसरे के चक्कर मे पड़कर पति या पत्नी को कष्ट पहुचाना यह सब ऋण जीवन में कष्ट देते है ।
इनका निवारण कैसे हो-
(1) माता -पिता की सेवा करे, समय समय पर इनकी वार्षिक तिथि पर श्राद्ध करे।
(2) किसी का धन न हड़पे।
(3)अपने सभी रिश्ते ईमानदारी से निभाये किसी दुख पहुचाने से बचे।
(4) हरे छाया दार वृक्ष लगाए, प्रतिदिन त्रिवेणी को जल से सींचे।
(5) बहन बेटी बुआ के प्रति कर्तव्यों को पूरा करे यथा शक्ति उपहार देवे।
(6) अपनी कुल की परंपरा का निर्वहन करे।
(7) कुलदेवी, कुलदेवता का पूजन अवश्य करे।
(8) ऐसे छोटे छोटे कार्य जिससे लोगो प्रसन्नता हो करे
यह सब उपाय आपके जीवन मे खुशहाली ले आएंगे।
सुश्री सिद्धेश्वरी भारद्वाज
हस्तरेखा, ज्योतिष,रत्न एवं वास्तु सलाहकार
94250 20347