भोपाल, 6 जून 2025।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही की समीक्षा बैठक में बड़ा और नीतिगत रूप से अहम निर्णय लेते हुए रेपो रेट में 50 आधार अंकों (0.50%) की कटौती की घोषणा की है। इसके साथ ही रेपो रेट 6% से घटकर अब 5.5% पर आ गई है। साथ ही, मौद्रिक नीति रुख को ‘अकोमोडेटिव’ से बदलकर ‘न्यूट्रल’ कर दिया गया है।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब वैश्विक स्तर पर व्यापारिक अनिश्चितता और ब्याज दरों की अस्थिरता बनी हुई है। RBI के इस कदम का उद्देश्य घरेलू आर्थिक गतिविधियों को मजबूती देना और निवेश व उपभोग को प्रोत्साहित करना है।
भोपाल और मध्यप्रदेश में रियल एस्टेट को मिलेगा प्रोत्साहन
रेपो रेट में कटौती के फैसले का भोपाल और मध्यप्रदेश जैसे टियर-2 शहरों के रियल एस्टेट सेक्टर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
-
होम लोन की ब्याज दरें घटने की संभावना से आम उपभोक्ताओं की क्रयशक्ति बढ़ेगी। इससे खासकर मिड सेगमेंट और अफोर्डेबल हाउसिंग को बल मिलेगा।
-
क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज मीक ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि “यह कदम न केवल आवास परियोजनाओं में तेजी लाएगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी खोलेगा।”
-
कई रुके हुए प्रोजेक्ट्स, जिन्हें फाइनेंस की कमी का सामना था, अब गति पकड़ सकते हैं।
‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट के प्रस्तावों को मिलेगी मजबूती
क्रेडाई की ओर से जारी की गई ‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट, जिसमें राजधानी भोपाल को स्मार्ट सिटी, लॉजिस्टिक्स हब और एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के रूप में विकसित करने के विस्तृत प्रस्ताव शामिल हैं, इस नीतिगत बदलाव से नई ऊर्जा प्राप्त करेंगे।
-
रेपो रेट घटने से इन परियोजनाओं में निजी निवेश को बढ़ावा मिल सकता है।
-
स्मार्ट इंडस्ट्रीज़, लॉजिस्टिक्स पार्क और तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को अब सस्ता कर्ज और अधिक फाइनेंसिंग की संभावनाएं मिलेंगी।
व्यापार और एमएसएमई सेक्टर के लिए राहत का संकेत
रेपो रेट में गिरावट से एमएसएमई और उद्योग क्षेत्र को कार्यशील पूंजी सस्ते ब्याज पर मिल सकेगी।
-
नए स्टार्टअप्स, टेक्नोलॉजी आधारित कंपनियां और निर्माण कार्य से जुड़ी इकाइयाँ इससे लाभान्वित होंगी।
-
बैंकिंग प्रणाली के जरिए अधिक लिक्विडिटी प्रवाह भी संभव हो सकेगा।
कृषि क्षेत्र को भी मिलेगा अप्रत्यक्ष लाभ
जब मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है, उस समय यह निर्णय कृषि ऋण को सस्ता कर सकता है।
-
ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका असर दिखेगा जहां किसान कम ब्याज दरों पर ऋण ले सकेंगे, जिससे उत्पादन और ग्रामीण आय में सुधार आ सकता है।
क्रेडाई भोपाल की प्रतिक्रिया
क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज मीक ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“रेपो दर में कटौती रियल एस्टेट और क्रेडिट आधारित निवेश गतिविधियों को पुनर्जीवित करने में सहायक होगी। मध्यप्रदेश के लिए यह निर्णय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां अब भी अफोर्डेबल हाउसिंग की मजबूत मांग है। हमारे ‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट के प्रस्तावों को मजबूती मिलेगी, और यह निर्णय विकास व रोजगार को गति देने वाला साबित होगा।”
नीतिगत संकेत: सीमित बदलाव की संभावना
हालांकि RBI ने स्पष्ट किया है कि वह आगे दरों में अत्यधिक बदलाव नहीं करेगा। नीति रुख को ‘न्यूट्रल’ करना इस बात का संकेत है कि मौद्रिक ढील की अवधि अब सीमित रह सकती है।
भोपाल जैसे शहरों में यह निर्णय बनेगा उत्प्रेरक
राजधानी भोपाल, जहाँ रियल एस्टेट विकास, स्मार्ट सिटी मिशन और बुनियादी ढांचे की परियोजनाएं गति पकड़ रही हैं, वहाँ यह निर्णय एक वित्तीय उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकता है।
-
रियल एस्टेट, निर्माण, बैंकिंग और उद्योग जगत में यह निर्णय नए आत्मविश्वास और निवेश का संचार करेगा।
-
सरकार और निजी क्षेत्र की साझेदारी वाले मॉडल को भी इस निर्णय से बढ़ावा मिल सकता है।
निष्कर्षत:
RBI का यह नीतिगत निर्णय बहु-आयामी प्रभाव लाने वाला है। जहां एक ओर यह आर्थिक विकास की रफ्तार को तेज करने की रणनीति का हिस्सा है, वहीं दूसरी ओर यह आवासीय, औद्योगिक और ग्रामीण विकास को भी प्रोत्साहन देने की दिशा में एक अहम कदम है। क्रेडाई जैसे संगठनों को अब उम्मीद है कि यह परिवर्तन जमीनी स्तर पर तेजी से नजर आएगा।