भोपाल। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राजधानी भोपाल स्थित एलएनसीटी समूह के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों—एलएनसीटी, एलएनसीटी एंड एस, एलएनसीटीई, एलएनसीपी, एमसीए और एमबीए विभाग—में पर्यावरण संरक्षण एवं जागरूकता को लेकर भव्य स्तर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित थीम “बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन” को केंद्र में रखते हुए इन कार्यक्रमों को इस तरह से संरचित किया गया कि विद्यार्थी न केवल जानकारी प्राप्त करें, बल्कि व्यावहारिक रूप से भी पर्यावरण के लिए योगदान दें।
इस मौके पर संस्थान के सचिव डा. अनुपम चौकसे ने छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि “आज की युवा पीढ़ी ही पर्यावरण संरक्षण की सबसे बड़ी शक्ति है। यदि हम अपने व्यवहार में छोटे-छोटे परिवर्तन करें—जैसे प्लास्टिक का उपयोग न करना, अधिकाधिक पौधे लगाना, ऊर्जा की बचत करना—तो आने वाली पीढ़ियों को हम एक स्वच्छ और सुरक्षित धरती सौंप सकते हैं।” उन्होंने सभी से सतत विकास (सस्टेनेबल डेवलेपमेंट) में अपना योगदान सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
वृक्षारोपण से लेकर पोस्टर प्रतियोगिता तक, छात्रों की बढ़-चढ़कर भागीदारी
दिनभर चले इस आयोजन में वृक्षारोपण, समूह चर्चा, पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन, भाषण प्रतियोगिता, और निबंध लेखन जैसी गतिविधियां आयोजित की गईं, जिनमें हजारों विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। परिसर के भीतर जगह-जगह पौधारोपण कर “हरित परिसर” की दिशा में ठोस पहल की गई।
कार्यक्रम की अगुवाई डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन डॉ. अशोक कुमार राय ने की। उन्होंने स्वयं पौधा लगाकर इस अभियान का शुभारंभ किया और छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल स्वयं करें।
“एक पेड़ मां के नाम” अभियान से भावनात्मक जुड़ाव
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आधारित “एक पेड़ मां के नाम” कार्यक्रम का भी शुभारंभ हुआ। इस अभिनव पहल के अंतर्गत विद्यार्थियों ने अपनी माताओं के नाम पर पौधे रोपे और एक भावनात्मक संकल्प लिया कि वे इन पौधों की देखरेख स्वयं करेंगे। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को प्रकृति और पारिवारिक मूल्यों के बीच एक सेतु के रूप में जोड़ता नजर आया।
5000 विद्यार्थियों ने ली हरित शपथ
एलएनसीटी समूह द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में करीब 5000 विद्यार्थियों ने जल, वायु, भूमि संरक्षण, प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करने, ऊर्जा की बचत और पौधारोपण को जीवन का हिस्सा बनाने जैसी बातों को लेकर सामूहिक हरित शपथ ली। यह शपथ क्वेस्ट नेचर क्लब द्वारा दिलाई गई, जो कि डब्ल्यू डब्ल्यू एफ (WWF) से रजिस्टर्ड है। क्लब के संयोजक डॉ. अमितबोध उपाध्याय एवं शिक्षकों ने पर्यावरणीय जिम्मेदारी को व्यवहार में उतारने के लिए प्रेरित किया।
मिशन लाइफ: “सिंगल यूज़ प्लास्टिक को कहें ना” की प्रेरक पहल
विश्व पर्यावरण दिवस के इस अवसर पर मिशन लाइफ के अंतर्गत “सिंगल यूज़ प्लास्टिक को कहें ना” थीम पर विशेष गतिविधियां आयोजित की गईं। छात्रों को पुराने अखबारों से पेपर बैग बनाना सिखाया गया, और फिर वे स्वयं शहर के बाजारों में जाकर दुकानदारों और उपभोक्ताओं को ये बैग वितरित करने निकले। इस दौरान उन्होंने सिंगल यूज़ प्लास्टिक के दुष्प्रभावों की जानकारी दी और पर्यावरण के प्रति सजग रहने का संदेश दिया।
डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के साथ राज्य स्तरीय सहभागिता
एलएनसीटी समूह ने डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के सहयोग से राज्य स्तरीय कार्यक्रम “एंडिंग प्लास्टिक पॉल्यूशन ग्लोबली” थीम पर भी आयोजन किए। इन गतिविधियों में छात्रों ने पोस्टर प्रदर्शनी, डॉक्यूमेंट्री फिल्म स्क्रीनिंग, और जन संवाद जैसे माध्यमों से जनभागीदारी सुनिश्चित की।
सभी विभागों की रही सक्रिय सहभागिता
इन सभी कार्यक्रमों में प्राचार्यगण, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण और समस्त प्रशासनिक स्टाफ ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी विभागों ने समन्वित रूप से कार्य किया।
एलएनसीटी समूह का यह आयोजन न केवल विश्व पर्यावरण दिवस के औपचारिक आयोजन तक सीमित रहा, बल्कि यह युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के दीर्घकालिक दृष्टिकोण से जोड़ने का सार्थक प्रयास भी साबित हुआ। संस्था की यह पहल संपूर्ण प्रदेश में एक सकारात्मक संदेश देने वाली रही, जिसमें प्रकृति, समाज और शिक्षा के त्रिकोणीय संतुलन की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई दी।