“जीएसटी को समझना प्रशासन और पेशेवरों की साझा जिम्मेदारी: एन. पद्मश्री”

“जीएसटी-को-समझना-प्रशासन-और-पेशेवरों-की-साझा-जिम्मेदारी:-एन.-पद्मश्री”

– भोपाल में टैक्स लॉ बार एसोसिएशन द्वारा भव्य टैक्स कॉन्फ्रेंस का आयोजन

– विशेषज्ञों ने जीएसटी, इनपुट टैक्स क्रेडिट और कैपिटल गेन पर दी व्यावहारिक जानकारी, बड़ी संख्या में टैक्स पेशेवर हुए शामिल

विवेक झा, भोपाल।
टैक्स से जुड़े जटिल और व्यवहारिक पहलुओं को समझने और साझा करने के उद्देश्य से टैक्स लॉ बार एसोसिएशन, भोपाल द्वारा शुक्रवार को एक दिवसीय “टैक्स कॉन्फ्रेंस” का आयोजन किया गया। इस आयोजन में कर क्षेत्र के नामचीन विशेषज्ञों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कर सलाहकारों, वकीलों, व्यापारियों और वित्तीय विशेषज्ञों की बड़ी भागीदारी देखने को मिली।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं एन. पद्मश्री, प्रमुख आयुक्त – सीजीएसटी, सेंट्रल एक्साइज एंड कस्टम्स, भोपाल ज़ोन। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि “वर्तमान समय में टैक्स प्रणाली लगातार विकसित हो रही है, ऐसे में करदाताओं को उनके अधिकारों और दायित्वों की जानकारी होना आवश्यक है। जीएसटी जैसे जटिल कानूनों को आम करदाता और पेशेवर बेहतर समझें, इसके लिए प्रशासन और सलाहकारों को मिलकर काम करना चाहिए।”

उन्होंने विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, करदाता सहायता केंद्रों की भूमिका और विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि “अगर किसी कर सलाहकार या करदाता को विभाग से कोई समस्या होती है, तो वरिष्ठ अधिकारी उसकी बात सुनने और उचित समाधान देने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।”

विशेषज्ञों की प्रस्तुतियां रहीं जानकारी से भरपूर

सेमिनार के दौरान दो सत्र आयोजित किए गए, जिसमें देश के ख्यातिप्राप्त कर विशेषज्ञों ने जमीनी स्तर की समस्याओं और उनके व्यावहारिक समाधानों पर गहन चर्चा की।

1. सीए अभिषेक राजा राम (दिल्ली)

वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक राजा राम, जो दिल्ली से विशेष रूप से आमंत्रित किए गए थे, उन्होंने जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को लेकर आ रही चुनौतियों और विभागीय नोटिसों के जवाब में अपनाई जाने वाली रणनीतियों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने न्यायालयों द्वारा दिए गए फैसलों और विभागीय परिपत्रों के उदाहरणों के माध्यम से यह समझाया कि किस तरह से नोटिसों का प्रभावी जवाब दिया जा सकता है और विवादों से बचा जा सकता है।

उनकी प्रस्तुति में आईटीसी दावों की प्रक्रिया, दस्तावेजों की सत्यता, जीएसटी पोर्टल पर हो रही तकनीकी गड़बड़ियों और उनके समाधान जैसे विषयों को सरल भाषा में समझाया गया, जिससे उपस्थित पेशेवरों को काफी लाभ हुआ।

2. सीएमए ओमनाथ शर्मा

कॉस्ट मैनेजमेंट अकाउंटेंट ओमनाथ शर्मा ने कैपिटल गेन टैक्स, निवेश योजना, और पूंजी प्रबंधन जैसे विषयों पर बहुत ही व्यावहारिक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह सही समय पर और सही माध्यम से निवेश कर करदाताओं को कर लाभ मिल सकता है। उन्होंने सेक्शन 54, 54EC, और 112A जैसे महत्वपूर्ण प्रावधानों को उदाहरणों के माध्यम से समझाया, जिससे प्रतिभागियों को कर बचत के व्यावहारिक तरीके जानने को मिले।

उन्होंने यह भी बताया कि पूंजीगत लाभ की सही गणना, निवेश के स्रोत की पहचान और दस्तावेजीकरण में की गई सावधानी कर समस्याओं से बचा सकती है।

आयोजन में रहे कई प्रमुख अधिकारी व गणमान्य अतिथि

सेमिनार में सीजीएसटी विभाग के एडिशनल कमिश्नर योगेश यादव एवं जॉइंट कमिश्नर मनीष चौधरी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे, जिनकी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया।

इस आयोजन का संयोजन सीए अंकुर अग्रवाल एवं सीए विकास अग्रवाल द्वारा बहुत ही सुचारु रूप से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मृदुल आर्य ने की।

सेमिनार में एसोसिएशन के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और बड़ी संख्या में कर सलाहकार, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, लॉ प्रोफेशनल्स और युवा टैक्स स्टूडेंट्स भी उपस्थित रहे। प्रतिभागियों ने इस आयोजन को न केवल अद्यतन जानकारी का मंच बताया, बल्कि कहा कि यह एक ऐसा अवसर रहा, जहां विशेषज्ञों से सीधे संवाद स्थापित कर व्यावहारिक समस्याओं के समाधान प्राप्त हुए।

निष्कर्ष

यह टैक्स कॉन्फ्रेंस टैक्स क्षेत्र में कार्यरत सभी पेशेवरों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई। बदलते टैक्स कानूनों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को समझने के लिए इस प्रकार के आयोजनों की आवश्यकता लगातार महसूस की जा रही है। टैक्स लॉ बार एसोसिएशन द्वारा किया गया यह प्रयास निश्चित रूप से भोपाल और मध्यप्रदेश के टैक्स पेशेवरों के लिए ज्ञानवर्धक और मार्गदर्शक साबित हुआ।

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